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प्रियंका गांधी का इंटरव्यू एक साल पुराना है, हम खेल को समझते हैं : सुरजेवाला

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) साल 2019 में आम चुनाव में कांग्रेस (Congress) को मिली हार के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस्तीफे के बाद गैर-गांधी अध्यक्ष के अधीन काम करने के लिए तैयार थीं। इस बात का खुलासा हाल ही में प्रकाशित एक किताब से हुआ है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि पार्टी को एक ऐसे अध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए जो गांधी परिवार के बाहर का हो, लेकिन पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को ही कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया कर दिया गया। यह दावा प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह द्वारा लिखे गए एक किताब ‘इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन विद द नेक्स्ट जनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स’ में किया गया है।

करीब एक साल पहले प्रियंका गांधी के कहे गए बयान के इस समय चर्चा में आने पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा कि एक साल पुरानी टिप्पणी के फिर से चर्चा में आने के खेल को समझते हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक के बाद एक 3 ट्वीट करके गांधी-नेहरू परिवार के त्याग और सेवा भावना की जमकर प्रशंसा की है।

उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने सत्ता के मोह से दूर, सदा सेवाभाव से कांग्रेस को एक सूत्र में बांधे रखा है। 2004 में सोनिया गांधी ने सत्ता की बजाय पार्टी की सेवा चुनी। 2019 में राहुल गांधी ने भी दृढ़ विश्वास की हिम्मत दिखाई और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

सुरजेवाला ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि हम प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी (1 जुलाई, 2019) में अचानक उपजी प्रायोजित मीडिया की रूचि (सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर) के खेल को समझते हैं। आज समय मोदी-शाह द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर किए बर्बरतापूर्ण हमले का सामना करने और निडरता से इससे लोहा लेने का है।

उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के अनथक संघर्ष और संकल्प के गवाह हैं, जिससे उन्होंने इस लड़ाई का नेतृत्व किया है। न विपरीत स्थिति की परवाह की और न ही मोदी सरकार के विभत्स हमलों की। यही वह निडरता और अदम्य साहस है जिसकी कांग्रेस को ही नहीं बल्कि देश को सबसे ज्यादा जरूरत है।

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