लखनऊ। सपा के वरिष्ठ और कद्दावर नेता आजम खान के लिए आज प्रतिष्ठा का दिन है। आज यूपी के रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इस सीट को आजम खान और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। स्वार सीट को बचाने की चुनौती आजम खान के सामने है। आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से विधायक चुने गए थे। उनकी विधायकी रद्द कर दी गई। इस वजह से स्वार सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। स्वार सीट पर 6 उम्मीदवार मैदान में हैं। सपा ने यहां से पेशे से वकील अनुराधा चौहान को टिकट दिया है। जाहिर तौर पर अनुराधा को जिताने के लिए आजम खान को सारा जोर लगाना पड़ रहा है।
स्वार सीट से बीजेपी और अपना दल (एस) ने शफीक अहमद अंसारी को मैदान में उतारा है। शफीक अंसारी एक जमाने में आजम के करीबी थे। वो नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं। शफीक की पत्नी रेशमा परवीन अंसारी भी स्वार नगर पालिका की अध्यक्ष हैं। शफीक ने आजम से किनारा कर लिया और फिर उनके घोर विरोधियों के पाले में चले गए। खास बात ये है कि स्वार सीट मुस्लिम बहुल है। यहां सपा ने पहली बार हिंदू उम्मीदवार उतारा है। अगर मुस्लिम वोट शफीक के पक्ष में गया, तो आजम को अपने परिवार के इस गढ़ को बचाने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। आजम ने यहां कई जनसभाएं की। उन जनसभाओं में वो शफीक के खिलाफ खूब बोले हैं, लेकिन इसका कितना असर पड़ता है, वो 13 मई को मतगणना के दिन पता चलेगा।
आजम खान और उनके परिवार का स्वार सीट पर हमेशा दबदबा रहा है। आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से 2 बार विधायक रहे और दोनों बार आपराधिक मामलों में सजा की वजह से अब्दुल्ला की विधायकी गई। आजम ने जेल में रहते 2022 में अब्दुल्ला को स्वार सीट से सपा प्रत्याशी बनाया था। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी तजीन फातिमा को भी स्वार सीट से बतौर डमी प्रत्याशी उतारा था। इसी से साबित होता है कि आजम के लिए स्वार की सीट कितनी महत्वपूर्ण है। खास बात ये है कि रामपुर सीट पर भी आजम ही जीतते रहे हैं, लेकिन उनकी सदस्यता जाने के बाद बीजेपी ने जोर का झटका देते हुए उपचुनाव में रामपुर सीट हासिल कर ली थी।