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कोरोना वैक्सीन पर लालू के बड़े बेटे को सियासत करना पड़ा महंगा, लोगों ने बजा दी बैंड

tej pratap yadav

नई दिल्ली। एक ओर जहां कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर बिहार में दूसरी बार ड्राई रन चल रहा है वहीं इसे लेकर तरह-तरह के बयानबाजी का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बयानबाजी की है। दरअसल तेजप्रताप यादव ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को वैक्सीन लगवाने की मांग की है। लेकिन कोरोना वैक्सीन पर सियासत करना लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज को महंगा पड़ा गया। आपको बता दें कि इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने भी कोरोना वैक्सीन को लेकर बेतुका बयान दे चुके है।

कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर सवाल पूछे जाने पर आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने कहा कि ‘पहले मोदी जी टीका लगवा लें फिर हम भी लगवा लेंगे।’

लोगों के निशाने पर आए तेजप्रताप यादव 

वहीं कोरोना वैक्सीन पर राजनीति करने वाले तेजप्रताप यादव की लोगों की जमकर खिचाई कर डाली। एक यूजर ने तेजप्रताप पर तंज कसते हुए लिखा, बैल बुद्धि वैक्सीन देश की जनता के खातिर है ना कि किसी नेता के लिए मोदी लगवाए या ना लगवाए परन्तु किसी भी राजनेता को वैक्सीन नहीं लगानी चाहिए।

 

बता दें कि हाल ही में दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में बनी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की मंजूरी दे दी है। डीसीजीआई ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (COVISHIELD) को आपात प्रयोग की मंजूरी दी है।

 

इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि ये वैक्सीन बीजेपी की है और इसे मैं नहीं लगवाऊंगा, क्योंकि मुझे बीजेपी पर भरोसा नहीं है। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भी वैक्सीन पर सवाल उठाए थे और कहा था, ‘कोवैक्सीन ने अभी तीसरे फेज का ट्रायल भी पूरा नहीं किया है. वक्त से पहले मंजूरी जोखिम भरा हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय को स्थिति साफ करनी चाहिए। ट्रायल से पहले वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगे।’

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने भी वैक्सीन की मंजूरी पर सवाल उठाया है। कोवैक्सीन पर सवाल उठाते हुए रमेश ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि भारत बायो​टेक की कोवैक्सीन को मंजूरी देने के लिए सरकार ने क्यों अंतरराष्ट्रीय मानकों को नजरअंदाज किया। सरकार की तरफ से इस बात का स्पष्टीकरण देना जरूरी है।

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