नई दिल्ली। सनातन धर्म और हिंदू धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ बीजेपी और संघ परिवार विरोधी दलों की बयानबाजी लगातार जारी है। ताजा मामला तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन का है। उदयनिधि स्टालिन ने बयान दिया है कि सनातन धर्म का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, इसे खत्म करना चाहिए। इससे सियासी माहौल गरमा गया है। हालांकि, उदयनिधि पहले बीजेपी विरोधी नेता नहीं हैं, जिन्होंने इस तरह का बयान देकर हिंदुओं की मान्यता को ठेस पहुंचाने का काम किया है। इसकी शुरुआत इसी साल बिहार से हुई थी। जब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान आया था।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में समाज के पिछड़े वर्गों और महिलाओं के बारे में गलत लिखा गया है। चंद्रशेखर का बयान आने के बाद सियासत गरमाई, तो यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस के खिलाफ बयान दे दिया था। उन्होंने भी रामचरितमानस को दलित, पिछड़ा और महिला विरोधी बताया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मांग की थी कि रामचरितमानस से इस तरह की चौपाइयों को हटाया जाना चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद पिछड़ों के एक संगठन ने लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियों को आग के हवाले भी किया था। इस मामले में संगठन के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था। अब उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म कर देने के बयान पर भी बीजेपी और हिंदू संगठन भड़के हैं। आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अपने-अपने धर्म पर चलो और दूसरे के धर्म का सम्मान करो इंद्रेश कुमार ने कहा कि अच्छा ये होगा कि दूसरे के धर्म में दखल देने की जगह धार्मिक काम में लोग भागीदारी करें। वहीं, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने उदयनिधि के बयान पर कहा है कि ऐसी धमकियों के गंभीर नतीजे हो सकते हैं। आलोक कुमार ने कहा कि जो सनातन धर्म को नष्ट करने की बात करता है, वो खुद नष्ट हो जाता है।