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कोरोना सकंट के बीच सचिन पायलट ने ऐसे बढ़ाई गहलोत की टेंशन

डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक इंटरव्यू में बताया कि कई जिलों में कोरोना नहीं पहुंचा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वहां लॉकडाउन हटा दिया जाए या किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बरती जाए।

नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस का कहर रोजाना बढ़ता जा रहा है। हर रोज कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसी बीच राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजस्थान सरकार के डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बार फिर राज्य के मुखिया सीएम अशोक गहलोत की टेंशन बढ़ा दी है।

सचिन पायलट ने लॉकडाउन से लेकर वायरस पर प्रभावित नियंत्रण का मॉडल बने भीलवाड़ा और इस विकट स्थिति में राजनीति पर खुलकर अपनी बात रखी है। गहलोत जहां काम-धंधे, इंडस्ट्री बंद होने और गरीब-मजदूर की तंगी का हवाला देते हुए जल्द लॉकडाउन के बारे में सोचने की बात कह रहे हैं, वहीं पायलट ने ऐसे किसी निर्णय के बारे में सोचना अभी जल्दबाजी बताया है।

डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक इंटरव्यू में बताया कि कई जिलों में कोरोना नहीं पहुंचा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वहां लॉकडाउन हटा दिया जाए या किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बरती जाए। उन्होंने आगे कहा कि ‘हमें लॉकडाउन को खत्म करने का कोई फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। हमें अंतिम निर्णय के लिए 14 अप्रैल तक और इंतजार करना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब हम किसी भी सूरत में सेफ जोन में नहीं हैं।’

पायलट ने कहा, ‘यदि वायरस का संक्रमण के चौथे स्टेज में पहुंचते हैं तो भारत जैसे देश के लिए मौजूदा चिकित्सा साधन-सुविधाओं के दम पर जरूरतें पूरी करना लगभग असंभव होगा। हमें अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों के अनुभव से सीखना होगा।’ उन्होंने सभी लोगों को एकजुट रहने की बात भी कही।

गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में 100 से अधिक नए रोगी मिले हैं। इनमें 39 अकेले जयपुर से हैं। जयपुर और जोधपुर में 1-1 मौत भी हो चुकी है।

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