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दिल्ली चुनाव में AAP की हालत खराब?, संजय सिंह के ‘आंतरिक सर्वे’ की चिट्ठी हो रही है वायरल

Sanjay Singh Kejriwal

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 8 फरवरी को होंगे और इसके लिए प्रचार 6 फरवरी की शाम 6 बजे से बंद हो गया है। इसके बीच सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की एक चिट्ठी वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि संजय सिंह ने दिल्ली के ताजा चुनावी माहौल को देखते हुए पार्टी आलाकमान को सुझाव दिए हैं। हालांकि न्यूजरूम पोस्ट इस चिट्ठी की सत्यतता की पुष्टि नहीं करता है।

बता दें कि संजय सिंह के नाम पर वायरल हो रही इस चिट्ठी में पार्टी आलाकमान से कहा गया है कि, “हम पहले की तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में मजबूत हालत में नहीं है। इंटरनल सर्वे में अधिकतर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस की स्थिति बेहतर हुई है। जिससे हमारा ही नुकसान हो रहा है।”

चिट्ठी में लिखा है कि, “कपिल गुर्जर के खुलासे के बाद से पार्टी मुश्किल में आ गई, हमें कपिल और उसके परिवार से किनारा नहीं करना चाहिए। जब पार्टी शाहीन बाग के साथ खड़ी है तो कपिल और उसके परिवार के साथ भी खड़ा रहना चाहिए। ऐसा ना करने पर पार्टी के वॉलंटियर्स में असंतोष पैदा होगा। अगर पार्टी रहेगी, तभी हम मजबूती से आगे के चुनावों में लड़ सकेंगे।”

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है ये चिट्ठी

अब वायरल हो रही ये चिट्ठी संजय सिंह की है या नहीं फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इसके अलावा एक और भी खबर सोशल मीडिया पर तैर रही है कि आम आदमी पार्टी में सीएम की कुर्सी को लेकर भी घमासान की स्थिति है। इनमें एक तरफ केजरीवाल अकेले हैं तो दूसरी तरफ मनीष सिसोदिया जिन्हें संजय का साथ मिला है। हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से पहले से ही साफ कर दिया गया है कि उनकी तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा अरविंद केजरीवाल ही है।

इसके अलावा ऐसी खबरें भी बताई जा रही हैं कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर केजरीवाल की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है।

कहा जा रहा है इस सीट पर सरकारी कर्मचारियों का वोट अच्छी संख्या में है जो अंशु प्रकाश के साथ विवाद को लेकर नाराज चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार के जीत की दावेदारी पूरे दमखम के साथ पेश कर रही है और ये मानकर चल रही है कि वाल्मिकी समाज का पूरा वोट उनके खाते में जाएगा। ऐसे में नई दिल्ली विधानसभा का वोट बंटा तो केजरीवाल की दावेदारी पर असर क्या असर पड़ेगा ये बड़ा सवाल है।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर केजरीवाल चुनाव में हारने की स्थिति बनती है तो मुख्यमंत्री का दावेदार कौन होगा? क्या उस स्थिति में मनीष सिसोदिया कमान संभालेंगे? आम आदमी पार्टी के अंदर अगर पिछले समीकरणों को देखें तो कई करीबी लोग केजरीवाल से दूर हो चुके हैं।

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