
जानें पूरा माजरा
दरअसल, महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप है कि इन्होंने अमरावती जैसे नृशंस हत्याकांड को महज लूटपाट की घटना बताकर एक तरह से इसकी गंभीरता को कम कर एक बड़ी लापरवाही की है। इतना ही नहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप है कि केमिस्ट दुकानदार उमेश कोल्हे द्वारा किए गए नूपुर शर्मा के समर्थन के पोस्ट को भी छुपाया गया था, ताकि मामले की गंभीरता को कम आंका जा सकें, लेकिन महाराष्ट्र एटीएस इस मामले की जांच पहले से ही आतंकी एंगल से कर रही थी, मगर बाद में मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच के आदेश NIA को दे दिया। उधर, मामले की जांच करने के लिए NIA की टीम अमरावती रवाना हो चुकी है। लेकिन इस पूरे मामले में जिस तरह की लापरवाही महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा बरती गई है, उसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
सवाल उठ रहे हैं कि जब नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने की वजह से केमिस्ट दुकानदार उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई, तो आखिर उस वजह को क्यों छुपाया गया था। आखिर महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा क्यों किया। जबकि उदयपुर और अमरावती मामले में कई समानता देखने को मिल रही है। बता दें कि दोनों ही हत्याकांड को नूपुर शर्मा का समर्थन करने की वजह से अंजाम दिया गया था। अब जब इस पूरे मामले की जांच एएनआईए को सौंप दी गई है, तो ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी निगाहें टिकी रहेंगी।