अमरावती हत्याकांड का वो सच, जिसे महाविकास अघाड़ी सरकार ने था छुपाया, लेकिन जब शिंदे ने संभाली कुर्सी तो …. !

दरअसल, महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप है कि इन्होंने अमरावती जैसे नृशंस हत्याकांड को महज लूटपाट की घटना बताकर एक तरह से इसकी गंभीरता को कम कर एक बड़ी लापरवाही की है। इतना ही नहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप है कि केमिस्ट दुकानदार उमेश कोल्हे द्वारा किए गए नूपुर शर्मा के समर्थन के पोस्ट को भी छुपाया गया था।

सचिन कुमार Written by: July 3, 2022 9:47 pm
नई दिल्ली। जिस तरह नूपुर शर्मा का समर्थन करने की वजह से लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, उसे लेकर अब पुलिस समेत अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियां एक्शन मोड में आ चुकी है। यकीनन, इससे ज्यादा भयावह और कुछ नहीं हो सकता है कि महज अपने विचार प्रकट करने के लिए अगर किसी को अपनी जान गंवानी पड़ जाए। पहले उदयपुर फिर अमरावती हत्याकांड ने पूरे देश में सनसनी मचा कर रखी दी है। फिलहाल, इन दोनों ही मामलों की जांच NIA को सौंप दी गई है। अब देखना होगा कि आगामी दिनों में इन दोनों ही मामलों में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है, लेकिन इससे पहले अमरावती हत्याकांड को लेकर महाराष्ट्र की पूर्व महाविकास अघाड़ी सरकार की बड़ी लापरवाही सामने आई। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
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दरअसल, महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप है कि इन्होंने अमरावती जैसे नृशंस हत्याकांड को महज लूटपाट की घटना बताकर एक तरह से इसकी गंभीरता को कम कर एक बड़ी लापरवाही की है। इतना ही नहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप है कि केमिस्ट दुकानदार उमेश कोल्हे द्वारा किए गए नूपुर शर्मा के समर्थन के पोस्ट को भी छुपाया गया था, ताकि मामले की गंभीरता को कम आंका जा सकें, लेकिन महाराष्ट्र एटीएस इस मामले की जांच पहले से ही आतंकी एंगल से कर रही थी, मगर बाद में मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच के आदेश NIA को दे दिया। उधर, मामले की जांच करने के लिए NIA की टीम अमरावती रवाना हो चुकी है। लेकिन इस पूरे मामले में जिस तरह की लापरवाही महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा बरती गई है, उसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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सवाल उठ रहे हैं कि जब नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने की वजह से केमिस्ट दुकानदार उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई, तो आखिर उस वजह को क्यों छुपाया गया था। आखिर महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा क्यों किया। जबकि उदयपुर और  अमरावती मामले में कई समानता देखने को मिल रही है। बता दें कि दोनों ही हत्याकांड को नूपुर शर्मा का समर्थन करने की वजह से अंजाम दिया गया था। अब जब इस पूरे मामले की जांच एएनआईए को सौंप दी गई है, तो ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है।  इस पर सभी निगाहें टिकी रहेंगी।