पुणे। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार कहते हैं कि उनके शासनकाल में चीन ने भारत में कहीं भी घुसपैठ नहीं की है। मोदी के इस बयान को विपक्षी दल झूठा बताते हैं। विपक्षी दल लगातार आरोप लगाते हैं कि चीन ने घुसपैठ की है और वो भारतीय सेना को अपने इलाके में गश्त नहीं करने दे रहा है। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्ष के इन आरोपों पर बयान दिया है। चीन की घुसपैठ के बारे में विदेश मंत्री जयशंकर ने जानकारी दी है।
पुणे में मीडिया से जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर भारत और चीन की सेना कभी नहीं थीं। दोनों देशों की सेना एलएसी से दूर अपने इलाकों में तैनात रहती थीं। विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 में चीन अपनी सेना को एलएसी पर कुछ जगह आगे ले आया। जयशंकर ने कहा कि इसके बाद भारत ने भी एलएसी के पास सेना की तैनाती की। इससे भारत और चीन के बीच गतिरोध शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि चीन और भारत की सेना के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। जयशंकर ने एलएसी के हालात को संवेदनशील और चुनौती भरा बताया। उन्होंने साथ ही ये अहम बात भी कही कि चीन ने भारत की जमीन पर 2020 से अब तक कोई कब्जा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन की सेना के बीच प्रतिस्पर्धा वाला माहौल बना हुआ है।
बीते दिनों ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एएनआई से इंटरव्यू में यही बात कही थी। राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि भारत की जमीन पर चीन का कोई कब्जा नहीं है। वहीं, मोदी ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक से इंटरव्यू में कहा था कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का हल निकलना चाहिए। बता दें कि पीएम मोदी पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश गए थे। उनके दौरे पर चीन चिढ़ गया। चीन ने इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के नाम तय किए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर कहा गया कि अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी। भारत ने साफ तौर पर बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। वहीं, चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा बताकर उस पर दावा ठोकता है।