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Parliament Budget Session 2022: बजट सत्र में संसद के दोनों सदनों में दमदार काम, देखें पूरा ब्यौरा

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केंद्र की मोदी सरकार कितना काम कर रही है। लोकसभा- राज्यसभा में क्या काम हुआ। इस बार संसद के बजट सत्र के लिए जो समय तय किया गया उससे एक दिन पहले ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लेकिन अगर काम की बात करें तो दोनों सदनों में अच्छा कामकाज देखने को मिला। लोकसभा ने बजट सत्र में 129 फीसदी काम का प्रतिशत रहा। वहीं राज्यसभा भी 99.80 फीसद कामकाज किया गया। अगर केवल 10 मिनट और मिल जाते तो राज्यसभा में भी यह आंकड़ा सौ प्रतिशत हो जाता। इस सत्र में केंद्र सरकार ने भी अपने लगभग सारे विधायी काम पूरे करवाए और दोनों सदनों में मिला कर 23 विधेयक पारित किए गए। लोकसभा की बात करें तो इस सत्र में सदन की 27 बैठकें हुईं और सभा ने कुल मिलाकर 40 घंटे देरतक बैठकर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

सत्र के दौरान सदन की बैठकें करीब 177 घंटे 50 मिनट तक चली हैं। इस दौरान 182 तारांकित प्रश्नों पर उत्तर दिए गए है। सदन के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान 15 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई। वहीं बजट पर 15 घंटे 35 मिनट तक चर्चा की गई। सत्र के दौरान 12 विधेयक पुन: स्थापित किए गए और 13 विधेयक पारिक किए गए। सदन के कामकाज के बारे में जानकारी देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि देश की सर्वोच्च संस्था होने के नाते हमारा दायित्व है कि सदन की मर्यादा बनी रहे ताकि देश के अन्य सदनों के बीच बेहतर संदेश जाए. यही नहीं संसद ने 2023 के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है कि सभी विधान मंडलों की कार्यवाही एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करवाई जाएगी. संसद की सभी कार्यवाही जनता आसानी से ऑनलाइन भी देख सकेगी।

वहीं बात करें अगर राज्यसभा की तो सभापति वेंकैया नायडू ने बताया कि हंगामा हुआ और इसके चलते लगभग साढ़े नौ घंटे का समय बर्बाद भी हुआ लेकिन सदस्यों ने 9 घंटे 16 मिनट अतिरिक्त बैठकर कामकाज किया जिसके चलते सदन का कामकाज 99.80 फीसदी रहा. उन्होंने बताया कि सदन की बैठक अगर 10 मिनट और चल जाती तो कामकाज की यह दर सौ फीसदी तक पहुंच जाती। अगर राज्यसभा में पिछले साल के बजट सत्र की बात करें तो उस दौरान 94 फीसदी कामकाज हुआ था, पिछले वर्ष की तुलना में जाहिर है इस साल बेहतर कामकाज हुआ। सबसे अहम बात ये निकलकर सामने आई कि सरकारी विधाई कार्य के लिहाज से ये सत्र बेहद महत्वपूर्ण था और इस सत्र में 4 मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा हुई जो 12 वर्षों में सबसे बेहतर है।

इसके अलावा 11 विधेयक इस सत्र में पारित किए गए जबकि एक विधेयक सदन में पेश किया गया। सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें निर्धारित थीं जिसमें 27 बैठकें हुईं। होली और रामनवमी की बैठकें रद्द हो गई थीं। इस सत्र के दौरान राज्यसभा ने जिन 11 विधेयकों को मंजूरी दी है उनमें विनियोग और वित्त विधेयक जैसे 6 विधेयक शामिल हैं। जिन्हें चर्चा के बाद लौटाया गया। इस बार ऐसा नहीं है कि हंगामा नहीं हुआ। हंगामा भी हुआ। विपक्ष पेट्रोल-डीजल की महंगाई पर चर्चा नहीं होने से नाराज रहा। वेल में जाकर नारेबाजी भी की। कुल मिलाकर दोनों सदनों में अच्छा कामकाज देखा गया।

संसद की कार्यवाही में एक एक मिनट बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्यों तो उसकी वजह ये है कि संसद सत्र के दौरान एक मिनट की कार्यवाही का खर्च करीब लाखों में आता है। हर घंटे करीब 1.44 करोड़ रुपए खर्च होते हैं और प्रति घंटे संसद चलने की लागत करीब 1.6 करोड़ रुपए आती है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि सदन बिना किसी हंगामे, रूकावट के चले ताकि जनता के पैसों का नुकसान ना हो।

शीत सत्र में हंगामा देखा गया था। विपक्ष ने किसान बिल पर जमकर विरोध किया था।हालांकि पीएम मोदी ने इस कानून को वापस लेकर ये दर्शाया कि अगर कुछ लोगों को ये कानून समझाने में विफल हुए हैं तो उसे वो वापस लेते हैं। बजट सत्र में सरकार पूरी तैयारी के साथ आई। बजट सत्र के दोनों चरणों में कम समय में अच्छे कामकाज के साथ सत्र की समाप्ति की गई।

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