News Room Post

Farmers Protest: किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक, कहा- दिल्ली में किसे एंट्री देनी है ये पुलिस को तय करना है

Farmer protest Supreme court

नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Farmers Law) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmer Protests) सोमवार को भी जारी है। आज किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई हुई। लगभग 2-3 मिनट तक चली इस सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कौन आएगा-कौन नहीं, ये पुलिस तय करेगी। साथ ही कहा कि रामलीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत पर पुलिस को फैसला करना है। उधर, किसान आज भी दिल्ली-यूपी-हरियाणा के बॉर्डर पर अभी डटे हुए हैं। जहां पूरा उत्तर भारत सर्दी का सितम झेल रहा है। ऐसे में किसान कड़ाके की ठंड के बीच खुले में अपनी मांगों को लेकर दिल्ली से सटी सीमाओं पर जमे हुए हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या अब अदालत को बताना होगा कि सरकार के पास पुलिस एक्ट के तहत क्या शक्ति है। अब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। आपको बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज भी जारी है। किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है।

बता दें कि किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करेगी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकार इस पर पहले फैसला ले। चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा कि मामला पुलिस का है, हम इस पर फैसला नहीं लेंगे। हम मामला फिलहाल स्थगित कर रहे हैं। अब इस मामले की सुनवाई परसों यानी बुधवार को होगी। कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि किसानों के दिल्ली आने जैसे विषय पर पहले फैसला प्रशासन को लेना चाहिए।

किसान आंदोलन की आड़ में आतंकी हमले का डर

उधर, दिल्ली पुलिस ने 26 जनरवरी को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। साथ ही सख्ती के तौर पर किसान आंदोनल को लेकर राजधानी में आतंकियों के पोस्टर लगवाए है। जिसमें से ज्यादातर आतंकी खालिस्तानी संगठनों से संबंध रखते हैं। दिल्ली पुलिस को डर है कि खालिस्तानी आतंकी कहीं भोले भाले किसानों की आड़ में आतंकी वारदात को अंजाम ना दे दें।

किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वो दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। जिसे रोकने के लिए पुलिस कोशिश कर रही है। उधर, किसान संगठन आज महिला किसान दिवस भी मनाएंगे। ट्रैक्टर मार्च से पहले किसान यूनियन महिलाओं को एकजुट करने के लिए महिला किसान दिवस मना रहे हैं।

Exit mobile version