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Rajnath Singh: ‘दोनों देशों के बीच बात आगे बढ़ेगी लेकिन करना पड़ेगा इंतजार’, LAC पर चीन के पीछे हटने पर क्या बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह?

Rajnath Singh: राजनाथ सिंह ने तेजपुर में गजराज कोर के मुख्यालय में भारतीय सैनिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ शांति और सामंजस्य बनाए रखना चाहता है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए कहा, “हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हमारी नीति है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें।”

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच हाल ही में हुए अहम समझौते के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई है कि बातचीत में और प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया समय ले सकती है, लेकिन फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीछे हट चुकी हैं। अब इस क्षेत्र में चरवाहों के पास पशु चराने के लिए अधिक चारागाह उपलब्ध होंगे।

“समानता और सुरक्षा के आधार पर बनी है सहमति”

राजनाथ सिंह ने यह जानकारी दी कि भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर लगातार बातचीत चलती रही है, जिसका उद्देश्य सीमा विवाद को हल करना है। हालिया वार्ता के बाद, ज़मीनी स्थिति बहाल करने के लिए एक व्यापक सहमति बनी है। इस सहमति में गश्त और चराई के अधिकार को भी शामिल किया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास है कि बातचीत डिसइंगेजमेंट से आगे बढ़े, लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।”


शांति और समझौता चाहता है भारत

राजनाथ सिंह ने तेजपुर में गजराज कोर के मुख्यालय में भारतीय सैनिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ शांति और सामंजस्य बनाए रखना चाहता है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए कहा, “हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हमारी नीति है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें।”

उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन भारत की सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।


डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी

भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के बीच समझौते के बाद, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो चुकी है। जल्द ही इन क्षेत्रों में गश्त शुरू की जाएगी। बुधवार को खराब मौसम के कारण रक्षा मंत्री का तवांग दौरा रद्द हो गया, लेकिन वह गुरुवार को वहां जाएंगे।

 

 

 

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