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UP: योगी के दो मंत्रियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, विपक्षी हुई हमलावर, गरमाया सियासी पारा

Uttar Pradesh

नई दिल्ली। राजनीति के दंगल में राजनेताओं के बीच अपने विरोधी प्रतिद्वंदियों को अपने दांव से चित करने की जद्दोजहद लगी रहती है। इस जद्दोजहद में कभी उन्हें सफलता मिलती है, तो कभी असफलता। इसी बीच एक ऐसे ही दांव में बुरी तरह योगी सरकार के एक नहीं, बल्कि दो-दो मंत्री फंस चुके हैं। स्थिति ऐसी बन चुकी है कि समाजवादी पार्टी बीजेपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है। योगी सरकार भी बुरी तरह फंस चुकी है। बता दें कि बीजेपी नेता राकेश सचान और संजय निषाद पर आरोप लगे हैं। राकेश सचान को अवैध हथियार के मामले में दोषी ठहराया गया है, तो वहीं संजय निषाद के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है, जिसे लेकर अभी उत्तर प्रदेश की राजनीति का पारा गरमाया हुआ है। हालांकि, अभी सीएम योगी की तरफ से इस पूरे मसले पर कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में राजनीतिक गलियारों में मौजूद लोग सीएम योगी की प्रतिक्रिया का इंतजार है। उधर, इस पूरे मसले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि ‘हमने पहले भी कहा है फिर दोहरा रहे हैं… ‘भाजपा के भ्रष्टाचारी कम-से-कम अयोध्या को तो छोड़ दें।’ बता दें कि अभी सपा प्रमुख की यह ट्वीट अभी खासा तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर लोग अगल-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। उधर, इस पूरे मसले को लेकर सपा नेता सुनील साजन का भी बयान सामने आया है। उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि, उन्होंने कहा कि अयोध्या में जमीन घोटाले को लेकर बीजेपी के ही सांसद पत्र लिख रहे हैं.अयोध्या में किसकी शह पर अयोध्या में भ्रष्टाचार हो रहा है, बिना पंचम तल पर बैठे अधिकारियों के यह नहीं हो सकता। इसके साथ ही मिल्खा सिंह का भी इस पूरे मसले पर बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इतनी तेज ‘भाग मिल्खा भाग’ वाले मिल्खा सिंह भी नहीं भागे होंगे जितनी तेज बीजेपी के मंत्री सजा की फाइल लेकर भागे हैं। चलिए , ये तो रही प्रतिक्रियाओं की बात, जिसका सिलसिला अभी जारी है, लेकिन आइए आगे कि रिपोर्ट में आपको पूरा माजरा विस्तार से बतातें हैं।

जानें पूरा माजरा

तो बात उन दिनों की है, जब राकेश सचान समाजवादी पार्टी की नौका पर सवार होकर राजनीति का ककहरा सीख रहे थे। ककहरा भी ऐसा सीखा कि पुलिस उनके पास से अवैध हथियार बरामद किए। इसके बाद फिर क्या…पुलिस ने इनकी लंका लगा दी। पुलिस ने इनके खिलाफ सशस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया था। कानपुर के अपर मुख्य सचिव के मजिस्ट्रेट 3 की अदालत में सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के उपरांत उन्हें दोष सिद्ध करार दे दिया गया। उन्हें सजा होने ही वाली थी, लेकिन इससे पहले वे दोष सिद्धी वाली फाइल लेकर ही गायब हो गए, जिसके चलते उन्हें सजा नहीं हो पाई। फिलहाल, वे योगी सरकार में खादी ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, और वस्त्रोद्योग मंत्री हैं। अब उन पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है, तो ऐसा माना जा रहा है कि आगामी दिनों में कड़ी कार्रवाई के उपरांत उन्हें सजा सुनाई जा सकती है। फिलहाल, अब आगामी दिनों में उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, उससे पहले इस पूरे मसले को लेकर विपक्षी दलों के नेता सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पर हमलावर हो चुके हैं। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है।

उधर, अगर संजय निषाद की बात करें, तो उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में आगामी 10 अगस्त को कोर्ट में भी पेश करने का आदेश दिया गया है। बता दें कि यह पूरा मामला उस वक्त का है, जब साल 2015 में निषाद आंदोलन को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन चल रहा था, लेकिन फिर यह आंदोलन हिंसक हो चुका था, जिसमें संजय निषाद का नाम मुख्य आरोपित के रूप में सामने आया है। उन पर आगजनी, तोड़फोड़ और उग्र भीड़ को उकसाने का आरोप था, जिसके देखते हुए उनक खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

फिलहाल, पुलिस उनके खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। फिलहाल, तो इस पूरे मसले को लेकर राजनीति का सिलसिला जारी है। विरोधी दलों के नेता इस पूरे मसले को लेकर सूबे की योगी पर निशाना साधने में मशगूल हैं, लेकिन अभी इस पूरे मसले पर सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नीं आई है। खैर, अब इस पूरे मसले में दो बातें देखने लायक है, वो यह है कि आखिर सूबे की मुखिया योगी सरकार का इस पूरे मसले पर क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है और दूसरी यह है कि इऩ आरोपियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।

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