नई दिल्ली। एक तरफ भाजपा के विरुद्ध एक होने के लिए विपक्ष पूरी ताकत झौंक रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में ही अब फूट नजर आने लगी है। ममता बनर्जी कर्नाटक में TMC के खिलाफ लड़ाई ना लड़ने को लेकर पहले ही कांग्रेस को चेतावनी दे चुकी हैं। इस बीच कांग्रेस को उन्होंने एक और बड़ा झटका दिया है। कर्नाटक में बड़ी जीत के बाद विपक्षी एकता को एक मंच पर लाने का ख्वाब देख रही कांग्रेस को ये झटका सियासी दुनिया में विपक्ष की कमजोरी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, ममता बनर्जी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने जा रहे कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए, तृणमूल के नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ ब्रायन ने ट्वीट कर लिखा, ”कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले सिद्धरमैया और उनके अन्य साथियों ने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया। उन्होंने (ममता ने) अपनी शुभकामनाएं दीं और लोकसभा में तृणमूल की उपनेता कोकिला घोष दस्तीदार से इस समारोह में शामिल होने को कहा है।” ममता बनर्जी के फैसले को लेकर अब सियासी दुनिया में अब तमाम प्रश्न उठ रहे हैं। सवाल ये भी है की क्या विपक्ष जिस एकता की बात कर रहा है उसके भीतर सभी दल उतना ही सहज महसूस कर रहे हैं जितना दावा किया जा रहा है।
The CM designate of Karnataka Mr Siddaramaiah & his other colleagues called to personally invite @AITCofficial Chairperson & Bengal CM Mamata Banerjee for swearing-in tomorrow
She conveyed her best wishes & designated @kakoligdastidar #TMC Deputy Leader in LS to attend ceremony
— Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) May 19, 2023
इस शपथ ग्रहण समारोह में उनके स्थान पर टीएमसी नेता काकोली घोष दस्तीदार हिस्सा लेने जा रही हैं। बता दें कि ममता बनर्जी को बेंगलुरु में 20 मई को आयोजित होने वाले इस समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुग खरगे ने आमंत्रित किया था। इस दिन विपक्षी एकता को एक ही मंच पर लाने के प्रयास में कांग्रेस जुटी हुई है। लेकिन ममता के इस रुख से जाहिर तौर पर सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, नीतीश कुमार जैसे नेताओं को थोड़ी परेशानी होने वाली है। ममता की नाराजगी के पीछे बड़ी वजह विपक्ष का उनको अपने सुप्रीम नेता के तौर पर स्वीकार न किया जाना भी माना जा रहा है। इसके साथ ही बंगाल में कांग्रेस के सियासी हस्तक्षेप को लेकर भी ममता नाराज चल रही हैं।