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Split in Opposition: विपक्षी एकता में एक बार फिर पड़ गई फूट, सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस में बुलाई बैठक तो इन दो पार्टियों ने बना ली दूरी

नई दिल्ली। इस वक्त राजनीति में  सांसदों के निलंबन का मुद्दा बवाल का रूप ले चुका है। 19 सांसदों के निलंबन के बाद अब खुद विपक्ष में फूट के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल सांसदों के निलंबन प्रक्रिया के बाद विपक्ष के नेता (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे ने विषय पर चर्चा करने के लिए अहम बैठक बुलाई थी। अहम बैठक से दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और पश्चिम बंगाल की टीएमसी ने किनारा कर लिया है। बैठक से दोनों ही पार्टियां नदारद रही।  बता दें कि हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा दोनों से ही कुल 23 सांसदों को निलंबित किया गया था।

23 सांसदों को दिखाया गया बाहर का रास्ता

दरअसल लोकसभा से 4 और राज्यसभा से 19 सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। विरोध दर्ज कराने और फ्लोर की रणनीति तय करने के लिए आज विपक्ष के नेता (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक बुलाई थी। इस बैठक में आम-आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद शामिल नहीं हुए। बैठक में शिवसेना,आईयूएमएल, एनसीपी,डीएमके, सीपीआई,  सीपीएम और  सीपीएम शामिल हुई।इतना ही नहीं कांग्रेस और बाकी दलों द्वारा किए विरोध प्रदर्शन में ही टीएमसी और आप दोनों ने ही भाग नहीं लिया। दोनों पार्टियों का बैठक और विरोध प्रदर्शन से नदारद होना संकेत है कि विपक्ष में सब कुछ ऑल इज वेल नहीं है।


खड़गे ने की सांसदों के निलंबन रद्द करने की अपील

बता दें कि आज सुबह ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर के जरिए भी अपना विरोध जाहिर किया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था-राज्यसभा में विभिन्न विपक्षी दलों के 19 सांसद निलंबित!मोदी जी, क्या आप हमारी संसद, लोकतंत्र के मंदिर को अपनी पार्टी के रैली मंच में बदलने की कोशिश कर रहे हैं?हमारा फलता-फूलता लोकतंत्र निरंकुशता में बदल गया है और मोदी सरकार तानाशाही शासन बन गई है। खड़गे ने सांसदों के निलंबन रद्द करने की अपील भी की थी लेकिन अब खुद विपक्ष ही एकजुट नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि कदाचार का आरोप लगाते हुए सांसदों को निलंबित किया गया है।

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