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Army Recruitment: सेना में भर्ती को लेकर आज होगा बड़ा ऐलान, लागू होने जा रही है ‘अग्निपथ भर्ती योजना’!, जानिए इसके बारे में सबकुछ

Army Recruitment: इस योजना के लागू होने से सेना में 25 फीसदी जवान बने रह पाएंगे जो निपुण और सक्षम होंगे। हालांकि, ये भी तभी हो पाएगा जब उस वक्त भर्तियां निकाली गई हों। इस प्रोजेक्ट से सेना को करोड़ों रुपये का होने वाले खर्च में भी बचत होगी। एक ओर जहां पेंशन कम देनी पड़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ वेतन में भी बचत हो जाएगी। 

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नई दिल्ली। सेना में आज बदलाव को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। केंद्र सरकार ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ (Agnipath recruitment scheme) की शुरुआत कर सकती है। इस योजना के शुरुआत का ऐलान तीनों सेनाओं के चीफ यानी थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कर सकते हैं। इससे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने अग्निपथ स्कीम के बारे में प्रेजेंटेशन दिया था। इस अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में युवा कम समय के लिए भर्ती हो सकेंगे। इस योजना के तरह उन लोगों को सुविधा मिलेगी जो कि कम से कम 4 साल के लिए सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं।

4 साल बाद सेवा से मुक्त कर दिए जाएंगे जवान

ये प्रोजेक्ट देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। योजना के जरिए सेना में शामिल हो रहे जवानों की औसत उम्र कम करने का प्रयास रहेगा साथ ही रक्षा बलों के खर्चे में भी कमी लाने का प्रयास किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में शामिल होकर देश के लिए काम करने का मौका दिया जाएगा। इन चार सालों के पूरा होने के बाद ज्यादातर जवानों को उनकी सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा।

दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में की जाएगी सहायता

अग्निपथ स्कीम के तहत चार साल तक देश के लिए काम करने वाले युवाओं को मुक्त करने के बाद दूसरी जगह पर नौकरी दिलवाने में भी सेना एक सक्रिय भूमिका निभाएगी। इसे लेकर तर्क ये दिया जा रहा है कि अगर कोई शख्स सेना में चार सालों तक काम करेगा तो उसकी प्रोफाइल मजबूत बन जाएगी और हर कंपनी ऐसे युवाओं को हायर करने में अपनी दिलचस्पी दिखाएंगी।

प्रोजेक्ट से करोड़ों रुपये की होगी बचत

इस योजना के लागू होने से सेना में 25 फीसदी जवान बने रह पाएंगे जो निपुण और सक्षम होंगे। हालांकि, ये भी तभी हो पाएगा जब उस वक्त भर्तियां निकाली गई हों। इस प्रोजेक्ट से सेना को करोड़ों रुपये का होने वाले खर्च में भी बचत होगी। एक ओर जहां पेंशन कम देनी पड़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ वेतन में भी बचत हो जाएगी।

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