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क्या किसान आंदोलन पर आज सरकार के साथ बनेगी बात, लंगर का स्वाद किसानों के साथ चख रहे मंत्रीगण

Cabinet Piyush Goyal Langar

नई दिल्ली। केंद्र द्वारा पारित नए किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच 30 दिसंबर को एक बार फिर से बातचीत का दौर शुरू हुआ। इससे पहले दोनों के बीच 6 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन इस गतिरोध का कोई हल नहीं निकल सका। बता दें कि विज्ञान भवन में बैठकों के दौर में किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे तो सरकार कानून वापस ना लेने की बात पर टिकी रही। गौरतलब है कि इस दौरान विज्ञान भवन में ये भी देखने को मिला कि किसानों ने बैठकों में सरकारी लंच ठुकरा दिया था। वहीं 30 दिसंबर को जब किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत हुई तो लंच के दौरान लंगर का खाना खाने के लिए मोदी सरकार के मंत्रियों ने भी साथ दिया। बता दें कि इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने आम किसान नेताओं की तरह विज्ञान भवन के अंदर लाइन में लगाकर लंगर का खाना खाया।

इस तरह सरकार के मंत्रियों ने ये संदेश भी दिया कि किसानों के साथ ये सरकार पूरी तरह से उनके हित के लिए खड़ी है। इतना ही नहीं अपने बीच मंत्रियों को लाइन में लगा देख किसानों के अंदर उनके साथ सेल्फी लेने की चाहत भी दिखी। एक किसान नेता ने मंत्री के साथ सेल्फी भी ली। बता दें कि इस लंगर की व्यवस्था दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने की थी।

वहीं बुधवार को विज्ञान भवन में दोपहर करीब ढाई बजे से बैठक शुरू हुई। बैठक के बीच जब लंच ब्रेक हुआ तो मोदी सरकार के तीनों मंत्रियों ने सकारात्मक संदेश देने के लिए किसान नेताओं से कहा, “आज हम भी लंगर का खाना आपके साथ चखेंगे।” इस पर किसान नेताओं ने कहा, “भला, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि सरकार और किसान आज साथ-साथ खाना खाएं?” इसके बाद तीनों मंत्रियों- तोमर, गोयल और प्रकाश ने लाइन में लगकर लंगर के खाने का स्वाद लिया। इस दौरान एक किसान नेता ने गोयल के साथ सेल्फी भी ली।

फिलहाल मंत्रियों का लंगर में खाना खाने के अलावा विज्ञान भवन से भी सरकार और किसानों के बीच बात बनने के संकेत मिलने की खबरें सामने आई हैं। बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान प्रधानमंत्री का सिर नहीं झुकने देंगे। साथ ही उन्होंने अपने तेवर नरम करते हुए ये भी कहा कि अगर सरकार अपने रवैए से दो कदम पीछे हटती है, तो किसानों को ढाई कदम पीछे हटना चाहिए। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या ये वही ढाई कदम हैं, जिनके लिए सरकार इतने दिनों से जतन कर रही है। फिलहाल किसान नेता टिकैत के इस बयान का मतलब ये भी हो सकता है कि किसान भी नरमी दिखाना चाहते हैं।

बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों नेतृत्व करने वाले BKU के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के साथ हो रही आज की बातचीत से किसानों को बहुत उम्मीद है कि कोई ना कोई रास्ता निकल जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने तो पहले भी कहा और अब भी कह रहे हैं कि सरकार दो कदम और किसान भाई ढाई कदम पीछे हटें। किसान भी फैसला करना चाहते हैं।”

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