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Farmers Protest: केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री बोले MSP पर लिखकर भी देने को तैयार सरकार, फिर कहां अटकी बात

Kailash Chaudhary

नई दिल्ली। 11 दिन से किसान कृषि बिल के खिलाफ सड़कों पर हैं। सरकार के नुमाइंदों और मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की 5 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक नतीजा कुछ भी नहीं निकला है। वहीं किसानों ने देशव्यापी बंद का भी आह्वान किया है। जिसको कांग्रेस, आप, टीएमसी समेत कई दलों का समर्थन भी मिल रहा है। वहीं इस सब के बीच सरकार की तरफ से इस बात के भी संकेत मिल गए हैं कि इन दिनों कृषि कानूनों को खत्म नहीं किया जाएगा। जिसकी मांग आंदोलन कर रहे किसान कर रहे हैं। वहीं किसानों की एक और बड़ी मांग है कि उन्हें कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके इसको कृषि कानून में सरकार की तरफ से जोड़ा जाना चाहिए। इसको लेकर सरकार की तरफ से बार-बार कहा गया है कि सरकार MSP के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं कर रही है जबकि किसान सरकार के इस आश्वासन को मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।

ऐसे में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की तरफ से इस मामले में बड़ा बयान MSP को लेकर सामने आया है। कैलाश चौधरी ने साफ और स्पष्ट रूप से कहा है कि विपक्ष किसानों को भड़का रहा है उन्होंने आगे कहा कि एमएसपी आगे जारी रहेगी, किसानों को किसी के झांसे में आने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही कैलाश चौधरी ने इस बात की तरफ भी इशारा किया कि पीएम मोदी जो कहते हैं वो होता है। एमएसपी के बारे में किसानों को लिखित में भी दिया जा सकता है।


केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मंत्रियों के साथ कल जो बैठक हुई उसमें किसानों के सुझाव पर विचार-विमर्श किया गया। कृषि कानून किसानों को आज़ादी देने वाला कानून है। किसानों को अगर लगता है कि इसमें कुछ संशोधन की जरूरत है तो सरकार ने भी कहा है अगर आवश्यकता हुई तो हम संशोधन करेंगे।


इसके साथ ही कैलाश चौधरी ने कहा कि मैं सभी किसान भाईयों से कहना चाहूंगा कि भारत बंद करने से देश का आर्थिक नुकसान होगा इसलिए मैं उन्हें थोड़ा पीछे हटने के लिए कहूंगा क्योंकि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में जिस तरह से किसानों के हित में काम हुए उस तरह पहले कभी नहीं हुआ।


वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करने के लिए बॉक्सर विजेंदर सिंह सिंघु बॉर्डर पहुंचे। विजेंदर सिंह ने वहां किसानों के बीच पहुंचकर कहा कि अगर सरकार ये काले कानून वापस नहीं लेती तो मैं सरकार को खेल का सबसे बड़ा सम्मान राजीव गांधी खेल पुरस्कार वापस करूंगा।

ऐसे में किसान आंदोलन में सरकार के मंत्री द्वारा किसानों को इस तरह दिए गए आश्वासन से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसानों की मांगों को मानने के लिए तैयार है लेकिन जिस तरह से इस आंदोलन में राजनीतिक दलों का प्रवेश हुआ है उसके बाद से ऐसा लगने लगा है कि इससे भी बात बनने वाली नहीं है और ये आंदोलन बातचीत के बीच ही अटकी नजर आनेवाली है।

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