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UCC In Uttarakhand: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में लागू हो सकता है यूसीसी, पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा

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देहरादून। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू होने के आसार है। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने बीते दिनों यूसीसी संबंधी बिल विधानसभा से पास कराया था। इस बिल को अब मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू होगा। इसके साथ ही आजाद भारत में यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन जाएगा। इससे पहले पुर्तगाल के शासन के दौरान गोवा में यूसीसी लागू किया गया था और वो भारत में ऐसा कानून वाला एकमात्र राज्य था।

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों और समुदायों के लिए कानून एक समान हो जाएंगे। इसके तहत तलाक, शादी, उत्तराधिकार जैसे मसलों पर एक जैसा नियम सभी पर लागू होगा। यूसीसी लागू होने पर उत्तराखंड के लोग एक से ज्यादा शादी नहीं कर सकेंगे। यूसीसी के तहत प्रावधान किया गया है कि जब तक पति या पत्नी जीवित है या उनमें तलाक नहीं हुआ है, तो उनको दूसरी शादी की इजाजत नहीं होगी। उत्तराखंड के यूसीसी कानून के तहत लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपने बारे में सरकार को जानकारी भी देनी होगी। बीजेपी ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान दोबारा सरकार बनने पर यूसीसी लागू करने का वादा किया था। दोबारा सरकार बनने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी तैयार करने की कमेटी बनाई थी।

संविधान के अनुच्छेद 44 में देश की सरकारों के लिए तमाम नीति निर्देशक तत्व हैं। इन्हीं नीति निर्देशक तत्वों के तहत कहा गया है कि समय आने पर यूसीसी को लागू करने की दिशा में सरकार काम करेगी। पिछले दिनों ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यूसीसी को देशभर में लागू करने के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा था कि सामाजिक और न्यायिक तौर पर पहले उत्तराखंड के यूसीसी की जांच-परख ठीक से हो जाए, उसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा। वहीं, असम की बीजेपी सरकार भी यूसीसी लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। राजस्थान की बीजेपी सरकार ने भी यूसीसी लागू करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

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