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Uttar Pradesh: यूपी सरकार की तैयारी, प्रदेश भर में खोली जाएंगी 120 गौशालाएं, गौसेवकों की भी नियुक्ति का प्रस्ताव

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार के गठन के बाद से प्रदेश में कई गौशालाएं खोली गई हैं। अब सरकार इसी श्रृंखला में प्रदेश भर में 120 और गौशलाएं खोलने पर विचार कर रही हैं। इतना ही नहीं सरकार इन गौशालाओं के लिए गौसेवकों की नियुक्ति के बारे में भी विचार कर रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 147 करोड़ रुपए का बजट भी तैयार रखा है।

सरकार की तरफ से गौशालाएं खोलने के इस विचार को लेकर सभी जिलाधिकारियों से प्रस्ताव भी मांगे गए हैं। आपको बता दें कि अभी ही यूपी में ठंढ की वजह से गायों की हुई मौत को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद से ही यह मुद्दा गर्मा गया था।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी की तरफ से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए प्रदेश भर में गौशाला स्थापित करने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसमें बताया गया है कि नई गौशालाओं की स्थापना के लिए 147 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं, जससे 120 नई गौशालाएं खोली जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की इन गौशालाओं के लिए गौसेवक भी रखे जा सकते हैं ताकि वहां रहनेवाली गायों की ठीकठाक देखभाल हो सके।

गायों की मौत को लेकर प्रियंका गांधी ने लिखी थी CM योगी को चिट्ठी

कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) अक्सर किसी न किसी मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Govt) पर हमला बोलती रहती है। इस बार प्रियंका गांधी ने गायों की मौतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सवाल उठाए हैं। साथ ही प्रियंका ने इस घटना पर चिंता जाहिर करते हुए सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर जरूर कदम उठाने का भी आग्रह किया है।

प्रियंका गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश से आई मृत गायों की तस्वीरों को देखकर विचलित होकर मैं यह पत्र माननीय मुख्यमंत्री, यूपी सरकार को लिख रही हूं। प्रदेश की कई गौशालाओं में यही स्थिति है। इस समस्या को सुलझाने के मॉडल मौजूद हैं। गौमाता की देखभाल के घोषणाओं के साथ साथ योजनाओं को अमलीजामा पहनाना जरूरी है।

पत्र में उन्होंने लिखा कि, ललितपुर के सौजना से आई गौमाता के शवों की तस्वीरें देखकर मन विचलित हो गया है। अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि इन गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है लेकिन तस्वीरों से लग रहा है कि चारा-पानी न मिलने की वजह से ही मौतें हुई हैं। देखकर लगता है कि कई दिनों की भूख और प्यास से धीरे-धीरे हुई पीड़ादायक मौतें हैं।

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा कि, दुखद यह भी है कि यह इस तरह की पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आती रही हैं। हर बार इन पर कुछ देर के लिए चर्चा होती है लेकिन इन मासूम जानवरों की देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता में आने के समय आपने गौवंश की रक्षा और गौशालाएं बनवाने की बात की थी लेकिन वास्तविकता यही है कि इस संदर्भ में आपकी घोषणाओं के बावजूद सरकार के प्रयास पूरी तरह से विफल रहे हैं। गायों की भलाई के नाम पर गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। गौशालाएं खोली गईं मगर सच यह है कि वहां गौवंश को चारा और पानी नहीं सिर्फ असंवेदनशीलता मिलती है। अफसर और गौशाला संचालक पूर्णतः भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पूरे प्रदेश में हर दिन न जाने कितनी गायें भूखी प्यासी मर रही हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा है कि जहां गौशालाएं इस परिस्थिति में हैं, वहीं आवारा पशु की भी भयंकर समस्या है। किसान पूरी तरह से हलकान हैं। वे रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं। फसलों की रक्षा के लिए उन्हें हजारों रुपये खर्च कर खेतों की तारबंदी करवानी पड़ रही है।

कांग्रेस महासचिव ने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में इस मामले को गोधन न्याय योजना लागू कर बहुत अच्छी तरह से सुलझाया है। शायद उनसे उत्तर प्रदेश सरकार प्रेरणा ले सकती है और गाय के प्रति हम सब अपनी सेवा भावना को कायम रख सकते हैं। हम ऐसी भीषण परिस्थितियों में गायों को जीने और मरने को मजबूर होने से बचा सकते हैं और अपने किसानों की वास्तविक मदद भी कर सकते हैं।

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