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UP: एयर कनेक्टिविटी को बेहतरीन करने में जुटी योगी सरकार, उठा रही ये बड़ा कदम

CM Yogi Adityanath

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर नागरिक उड्डयन विभाग के अधीन 14 हवाई पट्टियों का उपयोग निजी संस्थाओं द्वारा उड्डयन प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु किए जाने हेतु प्रस्तावित नीति के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तावित नीति का प्रस्तुतीकरण एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन विभाग तथा सुरेन्द्र सिंह, निदेशक एवं विशेष सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित नीति पर सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन भी कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाएं हैं। विगत साढ़े तीन वर्षों में राज्य में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास का कार्य पूर्ण हो चुका है। मात्र लाइसेंसिंग प्रक्रिया का कार्य चल रहा है। नोएडा एयरपोर्ट पर 05 रनवे बनाने से सम्बन्धित स्टडी को पीएमआईसी ने स्वीकार कर संस्तुति की है। 07 अक्टूबर, 2020 को कन्सेशन एग्रीमेण्ट हस्ताक्षरित होने के बाद 04 दिसम्बर, 2020 को मास्टर प्लान भी प्राप्त हो गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में अनेक हवाई पट्टियों को भी एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। अपने संसाधनों से इतनी संख्या में एयरपोर्ट विकसित करने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सकारात्मक सोच के साथ तत्परता से निर्णय लेकर कार्य किया जाए। नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में अवस्थापना विकास से कनेक्टिविटी सुदृढ़ होती है। इससे निवेश की सम्भावनाएं एवं अवसर बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उड्डयन के क्षेत्र में त्रुटि की न्यूनतम सम्भावना के दृष्टिगत सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी प्राविधान भी सुनिश्चित किए जाने चाहिए।

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में 07 फंक्शनल एयरपोर्ट्स हैं तथा 01 उड़ान हेतु तैयार है। 12 अन्य एयरपोर्ट्स का विकास राज्य सरकार द्वारा कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 08 हवाई पट्टियां हैं। प्रदेश में स्थित नागरिक उड्डयन विभाग के अधीन हवाई पट्टियों का उपयोग विमानन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने तथा उड्डयन क्षेत्र में दक्ष श्रमशक्ति की उपलब्धता सुनिक्षित करने के उद्देश्य से वर्ष 2007 में नीति निर्धारित की गई थी, इस नीति के परिणामस्वरूप विभिन्न हवाई पट्टियों पर 07 निजी संस्थाओं द्वारा पायलट तथा विमानन अभियन्ता के कोर्स का संचालन किया जा रहा है।

पूर्व नीति के जारी होने से अब तक 13 वर्षों के अन्तराल में विमानन क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तन के दृष्टिगत पूर्व नीति में संशोधन किए जाने की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। प्रस्तावित नीति में विमानन के क्षेत्र में पायलट, अभियन्ता, टेक्नीशियन फ्लाईट डिस्पैचर, केबिन-क्रू से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए हवाई पट्टी का उपयोग किये जाने की व्यवस्था की गई है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अतिरिक्त हवाई पट्टी राजकीय विमानों तथा चार्टर ऑपरेशन्स के लिए भी उपलब्ध रहेगी। निजी संस्था को स्वयं के व्यय पर ट्रेनिंग हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा तथा नियामक संस्थाओं से स्वीकृतियां प्राप्त करना व उनकी गाईडलाइन्स का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। हवाई पट्टी पर उपलब्ध अन्य संसाधनों का उपयोग निजी संस्थाओं द्वारा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री  के सैद्धान्तिक अनुमोदन के बाद मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त करते हुए नीति प्रख्यापित की जाएगी।

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