मोगा। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पंजाब के स्कूलों का दौरा करने पर विवाद खड़ा हो गया है। पंजाब में डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने मनीष सिसोदिया के स्कूलों के दौरे का विरोध करते हुए कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने शिक्षा का जो मॉडल लागू किया, वैसा पंजाब में नहीं हो सकता। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिग्विजय पाल शर्मा ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के 3 साल में शिक्षा व्यवस्था खराब हुई है। शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पंजाब में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और पीएम श्री योजना को लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं की गईं। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष ने कहा कि मनीष सिसोदिया के पास पंजाब के स्कूलों को देखने का कोई अधिकार नहीं है। ये अधिकार राज्य के शिक्षा मंत्री और प्रशासन का है।
#WATCH | Moga, Punjab: On former Delhi Education Minister Manish Sisodia’s visit to schools in the state, chief of Democratic Teacher Front (DTF) Digvijay Pal Sharma says, “Former Delhi Manish Sisodia visited and inspected the schools of Punjab. I express my strong opposition…… pic.twitter.com/6wUHhNxYGQ
— ANI (@ANI) February 23, 2025
इससे पहले पंजाब के विपक्षी दलों ने मनीष सिसोदिया के स्कूलों का दौरा करने का विरोध किया था। उनका कहना था कि आम आदमी पार्टी का दिल्ली मॉडल फेल हो चुका है। विपक्षी दलों ने ये सवाल भी उठाया था कि मनीष सिसोदिया पंजाब के स्कूलों का दौरा किस अधिकार के तहत कर रहे हैं। मनीष सिसोदिया हाल ही में पंजाब आए थे। तब उन्होंने पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के साथ कई स्कूलों का दौरा किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मनीष सिसोदिया ने पंजाब के तरनतारन, मोहाली और गुरदासपुर के स्कूलों का दौरा कर अफसरों को निर्देश भी दिए थे। सिसोदिया के इस दौरे की पंजाब सरकार ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी थी। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने इस पर कहा था कि पंजाब के शिक्षा मंत्री को सिसोदिया कमरे में बैठकर सलाह दे सकते हैं। उन्होंने कहा था कि अगर मनीष सिसोदिया को स्कूलों का दौरा करना है, तो हरजोत सिंह बैंस से इस्तीफा लेकर उनको शिक्षा मंत्री बना दिया जाए।
दरअसल, मनीष सिसोदिया जब दिल्ली के डिप्टी सीएम थे, उस वक्त उनके पास शिक्षा विभाग भी था। आम आदमी पार्टी ये दावा करती है कि मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री रहते काफी काम हुआ। स्कूल बनाए गए और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर भी बेहतर हुआ। जबकि, बीजेपी समेत विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल सिर्फ दिखावा है और आम आदमी पार्टी की सरकार के दौर में दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था चौपट हुई है।