देहरादून। यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उत्तराखंड एक और कदम आगे बढ़ गया है। उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने यूसीसी मैनुअल को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के अनुसार संसदीय कार्य विभाग ने इससे पहले यूसीसी मैनुअल का गहनता से अध्ययन किया। उत्तराखंड कैबिनेट से यूसीसी मैनुअल को मंजूरी मिलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। धामी ने कहा कि 2022 में हमने उत्तराखंड में सरकार बनने पर यूसीसी कानून लाने का वादा किया था। ऐसा किया गया। यूसीसी को कमेटी ने बनाया और फिर इसे विधानसभा से पास कराया गया। उत्तराखंड के यूसीसी को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी। इसे लागू करने की तारीख जल्द ही घोषित होगी।
#WATCH | Pauri Garhwal: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, “Uniform Civil Code is being made for everyone in the state. The whole country will benefit from this. BJP wants to develop Uttarakhand and include it among the top states of the country, while Congress and other… pic.twitter.com/huj5yek5jB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 20, 2025
उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस रहीं रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी कानून का ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने बिल का ड्राफ्ट तैयार किया था। जिसे पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने 6 फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया था। विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी पर बिल को 7 फरवरी को बहुमत से पास किया गया। इसके बाद बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया। बिल पर राष्ट्रपति ने 13 मार्च को दस्तखत किए और इस तरह आजाद भारत में उत्तराखंड पहला राज्य बन गया, जहां यूसीसी कानून लाया गया है। उत्तराखंड के यूसीसी कानून के तहत किसी भी समुदाय का पर्सनल लॉ नहीं चलेगा। सभी कानून धर्म, जाति या लिंग के विभेद के बिना सभी पर लागू होंगे। यूसीसी कानून के तहत शादी, तलाक, गोद लेने, वसीयत पर एक जैसा कानून सभी लोगों के लिए एक होगा।
आजादी से पहले पुर्तगाली शासन के दौरान गोवा में यूसीसी लागू हुआ था। गोवा के बाद अब उत्तराखंड में भी यूसीसी लागू किया जा रहा है। असम, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों ने भी यूसीसी लागू करने की बात कही है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड में यूसीसी कानून लागू होने के बाद अन्य बीजेपी शासित राज्यों में इसी आधार पर लागू किया जा सकता है। यूसीसी लाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 44 में नीति निर्देशक तत्व में कहा गया है कि राज्य सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहित बनाएगा।