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बवाल बढ़ने के बाद वारिस पठान की टूटी हेकड़ी, अपने बयान को लिया वापस, कही ये बात

नई दिल्ली। AIMIM नेता वारिस पठान द्वारा दिए गए ‘100 करोड़ पर 15 करोड़ भारी पड़ेंगे’ वाले बयान पर बढ़ते बवाल को देखते हुए उनका जोरदार विरोध हो रहा था। इस बवाल को देखते हुए पहले तो AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वारिस पठान के मीडिया में बोलने पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन अब वारिस पठान ने अपने बयान को वापस ले लिया है।

‘मीडिया ने गलत तरीक से पेश किया’

वारिस पठान ने अपने बयान में मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि, उनके बयान को मीडिया ने गलत तरीक से पेश किया है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि,”एक जलसे में जो मैंने कहा कि हम 15 करोड़ 100 पर भारी हैं उसका कतई ये मतलब नहीं होता कि मैंने अपने देश के हिंदू भाईयों के खिलाफ ये जुमला कहा है।”

‘अपने शब्द वापिस लेता हूं’

वारिस पठान ने आगे कहा कि, “इस देश के महज 100 लोग ही ऐसे हैं जो 15 करोड़ मुसलमानों के खिलाफ साफ दिखाई दे रहे हैं चाहे फिर वो RSS के हों, BJP के हों, बजरंग दल के हों या अन्य किसी पार्टी या संगठन के हों। मैंने इन्ही की तरफ इशारा करते हुए ये कहा था।” उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर से साफ कर देना चाहता हूं कि मैंने ऐसी कोई बात नहीं की जिसका मतलब गलत तरीके से निकालकर मुझे निशाना बनाया जाए।इसके बावजूद मेरे किसी शब्द से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापिस लेता हूं। सिर्फ इसलिए कि मैं अपने देश का एक सच्चा नागरिक हूं।”

‘नागरकिता कानून के खिलाफ गुस्से में कहा’

मीडिया से बात करते हुए वारिस पठान ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से मुझे हिंदू धर्म विरोधी बताया जा रहा है। मैं किसी भी हिंदू भाइयों के खिलाफ नहीं हूं। मैंने उस दिन जो कुछ भी कहा वो नागरकिता कानून के खिलाफ गुस्से में कहा।’

उन्होंने आगे कहा कि पिछले ढाई महीने से झांसी की रानी की तरह, महिलाएं इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। मुझे भारतवासी होने पर गर्व है और मैं सच्चा भारतीय मुस्लिम हूं।

वारिस पठान ने क्या कहा था

आपको बता दें कि कर्नाटक के गुलबर्गा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने बयान में वारिस पठान ने कहा था, ‘ईंट का जवाब पत्‍थर से देना हमने सीख लिया है। मगर इकट्ठा होकर चलना होगा। अगर आजादी दी नहीं जाती तो हमें छीनना पड़ेगा। वे कहते हैं कि हमने औरतों को आगे रखा है…अभी तो केवल शेरनियां बाहर निकली हैं तो तुम्‍हारे पसीने छूट गए। तुम समझ सकते हो कि अगर हम सब एक साथ आ गए तो क्‍या होगा। 15 करोड़ हैं लेकिन 100 (करोड़ हिंदू)के ऊपर भारी हैं। ये याद रख लेना।’

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