भोपाल। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के लिए मुश्किल खड़ी होगी? ये चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि भोपाल की जिला अदालत ने 28 साल पुराने सरला मिश्रा की मौत की फिर से जांच के आदेश दिए हैं। सरला मिश्रा कांग्रेस की नेता थीं। सरला मिश्रा 14 फरवरी 1997 को संदिग्ध हालत में जली मिली थीं। सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने राजनीतिक साजिश के कारण अपनी बहन की हत्या करने का आरोप लगाया था। इस मामले में दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह का नाम भी आया था। सरला मिश्रा की संदिग्ध हालत में मौत के वक्त मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह ही सीएम थे।
सरला मिश्रा जली हुई हालत में भोपाल के टीटी नगर स्थित सरकारी आवास में मिली थीं। उनको भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर गंभीर हालत देखते हुए दिल्ली ले जाकर सफदरजंग अस्पताल में सरला मिश्रा का इलाज कराया गया। वहां 19 फरवरी 1997 को सरला मिश्रा का निधन हो गया था। टीटी नगर थाने ने सरला मिश्रा की मौत की जांच की थी। पुलिस ने 2019 में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दी थी। सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताने के साथ ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में रिट याचिका दी थी।
इस याचिका पर सुनवाई कर हाईकोर्ट ने भोपाल जिला कोर्ट को मामले पर कदम उठाने के लिए कहा था। भोपाल जिला कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को अधूरा माना। कोर्ट ने लिखा कि अनुराग मिश्रा की याचिका और क्लोजर रिपोर्ट में गवाहों के कथन से लग रहा है कि पुलिस की जांच अधूरी है। भोपाल के टीटी नगर थाने ने सरला मिश्रा की संदिग्ध हालत में हुई मौत को आत्महत्या माना था। इस मामले में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगाई थी। जिसे भोपाल कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास पलक राय ने मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में टीटी नगर थाने को फिर जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।