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Young India Limited Company: नेशनल हेराल्ड को कर्ज से उबारने वाली यंग इंडिया लिमिटेड का क्या है राज

Young India Limited Company: नेशनल हेराल्ड केस की इस पूरी पहेली में जो एक नाम सबसे महत्वपूर्ण है वो है यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी का। ये वही कंपनी है जिसमें 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसके मालिक हैं। बाकी की 12-12 फीसदी की हिस्सेदारी मोतिलाल वोरा ऑस्कर फर्नांडिस के पास थी। मोतीलाल वोरा जबतक जिंदा थे इस कंपनी से जुड़े तमाम वित्तीय लेनदेन वही देखते थे।

National Herald Case

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी आरोपों का सामना कर रहे हैं। ईडी मामले की जांच में जुटी है। सड़कों पर कांग्रेस है और नाम महंगाई-बेरोजगारी का लिया जा रहा है। देश की आम जनता के दुख दर्द का वास्ता देने वाली कांग्रेस के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को आखिर किस मकसद से बनाया गया था और किस आधार पर कांग्रेस पार्टी के चंदे से एजेएल को लोन की मोटी रकम देकर उसका कर्ज चुकता किया गया। ईडी ऐसे ही कई तकनीकी सवालों का जवाब खोज रही है। जांच की इस कड़ी में उसने बीते दिनों दिल्ली के हेराल्ड हाउस स्थित यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी के दफ्तर को सील कर दिया, इससे पहले ईडी ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापेमारी की थी।

नेशनल हेराल्ड केस की इस पूरी पहेली में जो एक नाम सबसे महत्वपूर्ण है वो है यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी का। ये वही कंपनी है जिसमें 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसके मालिक हैं। बाकी की 12-12 फीसदी की हिस्सेदारी मोतिलाल वोरा ऑस्कर फर्नांडिस के पास थी। मोतीलाल वोरा जबतक जिंदा थे इस कंपनी से जुड़े तमाम वित्तीय लेनदेन वही देखते थे। केस में इस कंपनी की भूमिका इसलिए भी संदिग्ध है क्योंकि ये कंपनी बिल्कुल एक शेल कंपनी की तरह थी। इसकी निष्क्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बीते 4 साल से इसके दिल्ली स्थित दफ्तर में कोई कामकाज नहीं हुआ। साल 2010 में कांग्रेस ने इस कंपनी की शुरूआत की थी।ये कंपनी 5 लाख रुपये से शुरू हुई थी. इस कंपनी के ज्यादातर शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं। ED की जांच में सामने आया है कि जो कंपनी 5 लाख रुपये से शुरू हुई थी, उसके पास आज 800 करोड़ रुपये की संपत्ति है।


कांग्रेस दावा करती है कि ये एक गैर-लाभकारी कंपनी है। सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि इस कंपनी को इसलिए बनाया गया, ताकि AJL की 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा किया जा सके. 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कहा था कि यंग इंडियन लिमिटेड एक ‘दिखावटी या लबादा’ कंपनी है, जिसके जरिए सार्वजनिक पैसों को निजी इस्तेमाल में लाया जा सके। आज से 10 साल पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने जब नेशनल हेराल्ड केस में याचिका दाखिल की थी उस वक्त उन्होंने बेहद चौंकाने वाला खुलासा करते हुए ये बताया था कि यंग इंडिया के शेयर होल्डर्स में प्रयागराज के दो ऐसे लोगों के नाम भी शामिल हैं जिनकी मौत बरसों पहले हो चुकी है। यानि इस कंपनी में मुर्दे भी शेयरहोल्डर्स हैं।
यानि कुल मिलाकर यंग इंडिया लिमिटेड शक के घेरे में चल रही है और आने वाले दिनों में ईडी की जांच में इसको लेकर और भी कई खुलासे हो सकते हैं।

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