नई दिल्ली। गत 15 अगस्त यानी की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से विश्वकर्मा योजना शुरू करने का ऐलान किया था, जिसकी शुरुआत आगामी 17 सितंबर को होगी। यह दिन खास है, क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। ऐसे में लोगों के जेहन में विश्वकर्मा योजना के बारे में जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। लिहाजा इस रिपोर्ट में हम आपको इस योजना के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। तो आइए सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर यह योजना क्या है।
क्या है विश्वकर्मा योजना
दरअसल, विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पहले से ही कौशलयुक्त लोगों के कौशल को निखारकर उन्हें खुद का व्यापार स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना को जमीन पर उतारने के मकसद से केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 13 से लेकर 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हालांकि, 2023-24 के बजट में भी इस योजना के संदर्भ में बजट प्रावधान किया गया था , जिसकी शुरुआत आगामी 17 सितंबर को होगी। इस योजना के जरिए शिल्पकारों और कारीगरों के कौशल को इजाफा किया जाएगा। इस स्कीम के तहत लाभार्थियों को एमएसएमई से जोड़ा जाएगा। जिससे उन्हें निकट भविष्य में एक बेहतर बाजार मिल सके।
किन लोगों को मिलेगा योजना का फायदा
उधर, इस योजना का फायदा विभिन्न शिल्पकारों और कारिगरों को मिलेगा। जिसमें (i) बढ़ई; (ii) नौका निर्माता; (iii) शस्त्रसाज; (iv) लोहार; (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) सुनार; (viii) कुम्हार; (ix) मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला; (x) मोची (जूता/जूता कारीगर); (xi) राजमिस्त्री; (xii) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) माला बनाने वाला; (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी; और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय ने दिया बयान
वहीं, वित्त मंत्रालय ने अपने में बयान कहा कि इस योजना के अंतर्गत 15 हजार रुपए का टूलकिट प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण के दौरान भी कुछ पैसे दिए जाएंगे। इस योजना का मकसद निम्न मध्यमवर्गीय परिवार को आर्थिक मोर्चे पर समृद्ध करना है।