नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जो एक बहुत अच्छे राजनीतिक रणनीतिकार माने जाते हैं उन्होंने अभी से अपने रिटायरमेंट प्लान के बारे में भी सोच रखा है। दिल्ली में आयोजित सहकार संवाद कार्यक्रम में अमित शाह ने राजनीति से अपने संन्यास को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मैंने निर्णय लिया है कि जब मैं राजनीति से रिटायर हो जाऊंगा तो मैं अपना शेष जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती में लगाऊंगा। प्राकृतिक खेती इस प्रकार का एक वैज्ञानिक प्रयोग है जो कई फायदे देता है। फर्टिलाइजर वाला गेहूं खाने से कैंसर होता है, बीपी बढ़ता है, डायबिटीज हो जाती है, थायरॉइड की समस्या होती है और यह शुरू शुरू में मालूम नहीं पड़ता। खाने वाले के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बिना फर्टिलाइजर केमिकल वाला खाना जरूरी है। इसका मतलब है दवाइयों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Ahmedabad, Gujarat: Union Home Minister Amit Shah says, "I have decided that after retirement, I will dedicate the rest of my life to studying the Vedas, Upanishads, and natural farming. Natural farming is a scientific experiment that offers many benefits…" <a href=”https://t.co/BQBC6DX4Ps”>pic.twitter.com/BQBC6DX4Ps</a></p>— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1942864935199072266?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 9, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इससे उत्पादन भी बढ़ता है। मेरे खेत में मैंने प्राकृतिक खेती की तकनीकी अपनाई है और पहले की तुलना में उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है। गृहमंत्री ने लोगों से कहा कि ज्यादा बारिश आएगी तो आपके खेत से पानी बाहर चला जाता है लेकिन अगर प्राकृतिक खेती करेंगे तो एक बूंद पानी बाहर नहीं जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्राकृतिक खेती जहां होती है वहां केचुए भी होते हैं। हर केचुए अपने आप में यूरिया का कारखाना है, वो मिट्टी खाता है और खाद के रूप में उसे बाहर निकालता है। मगर यूरिया डालने से केचुआ मर जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा जब मैं देश का गृहमंत्री बना तब लोग मुझसे कहते थे कि आपको बड़ा और अहम विभाग मिला है, लेकिन जिस दिन मैं सहकारिता मंत्री बना तब मुझे लगा कि यह तो गृह मंत्रालय से भी बड़ा विभाग है क्यों कि यह देश के किसानों, गरीबों, गांवों और पशुओं के लिए काम करता है।