नई दिल्ली। दिल्ली में अगले साल यानी 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे ठीक पहले अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को जोरदार झटका लगा है। आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने तमाम आरोप लगाते हुए अपने दल और सरकार से इस्तीफा दे दिया है। कैलाश गहलोत दिल्ली की आम आदमी पार्टी से लंबे समय से जुड़े हुए थे। वो अरविंद केजरीवाल की सरकार में भी मंत्री रहे और अब आतिशी के सत्ता संभालने के बाद भी कैबिनेट मंत्री थे।
कैलाश गहलोत का जन्म साल 1974 में दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के मित्राऊं गांव में हुआ था। कैलाश गहलोत का परिवार 9 पीढ़ी से इसी गांव में रहता आया है। कैलाश गहलोत बतौर वकील 16 साल दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस करते रहे। वो साल 2005 से 2007 तक दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी के भी सदस्य रहे। अरविंद केजरीवाल ने जब आम आदमी पार्टी बनाई, तो कैलाश गहलोत उससे जुड़े और साल 2015 में नजफगढ़ से विधायक चुने गए। वो दिल्ली सरकार में गृह विभाग, प्रशासनिक बदलाव, ट्रांसपोर्ट, महिला और बाल विकास के साथ ही आईटी विभाग के भी मंत्री रहे। कैलाश गहलोत का नाम मंत्री रहने के दौरान कई मामलों की जांच में भी आया। दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में उनसे पूछताछ हुई थी। वहीं, साल 2018 में इनकम टैक्स विभाग ने कर चोरी के कथित मामले में उनके कई ठिकानों पर रेड भी की थी।
कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में हैं, जिसने सीएम आवास और शराब घोटाला जैसे मुद्दों को उठाकर इस्तीफा दिया है। कैलाश गहलोत ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ केंद्र सरकार से लड़ती रहती है और इस वजह से दिल्ली के विकास के काम रुक गए हैं। बीजेपी ने कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार से इस्तीफा देने को साहसिक कदम और उनको बहादुर बताया है। माना जा रहा है कि कैलाश गहलोत अब बीजेपी के साथ भी जा सकते हैं। हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है।