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Who Is Naresh Meena In Hindi? : कौन है नरेश मीणा? टोंक जिले में वोटिंग के दौरान एसडीएम को मारा था चाटा

नई दिल्ली। राजस्थान के टोंक जिले में कल से बवाल मचा हुआ है। बुधवार को जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर वोटिंग के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद पुलिस जब नरेश मीणा को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो उसके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। आगजनी से लेकर पत्थरबाजी तक सब हुआ, इस दौरान पुलिस को भी सख्ती दिखाते हुए उसी भाषा में जवाब देना पड़ा। आइए आपको बताते हैं नरेश मीणा है कौन और कैसे उसका राजनीतिक सफर शुरू हुआ।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Tonk, Rajasthan: Tensions rose in Deoli-Uniara, leading to the deployment of police forces. Strict measures were taken against the supporters of Independent candidate Naresh Meena to control the situation <a href=”https://t.co/SI2h9Htxr4″>pic.twitter.com/SI2h9Htxr4</a></p>&mdash; IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1856934017158742214?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 14, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

कांग्रेस में सचिन पायलट के समर्थक के रूप में थी पहचान

नरेश मीणा टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है। इससे पहले वो कांग्रेस में था लेकिन उपचुनाव में टिकट न मिलने के कारण वो बागी हो गया। नरेश ने निर्दलीय पर्चा भर दिया, हालांकि कांग्रेस ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन उसने पार्टी की बात को दरकिनार कर दिया जिसके बाद उसे कांग्रेस से निकाल दिया गया। राजस्थान कांग्रेस में नरेश मीणा की पहचान सचिन पायलट के कट्टर समर्थक के तौर पर रही है, हालांकि चुनाव लड़ने की मंशा के चलते अब उनका नाम पार्टी के बागियों की लिस्ट में शामिल हो गया है।

किरोणी लाल मीणा से भी रहा है खास जुड़ाव

नरेश मीणा ने छात्र संघ के चुनाव से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ में नरेश ने महासचिव का चुनाव जीता था। तभी उनकी मुलाकात बीजेपी के नेता किरोणी लाल मीणा से हो गई। ऐसा बताया जाता है कि किरोणी लाल मीणा से नरेश इस कदर प्रभावित हुए कि उनको अपना राजनीतिक गुरु मान लिया। उस दौर के कई आंदोलनों में नरेश किरोणी लाल के साथ ही नजर आते थे। एक बार 2017 में एक रैली के दौरान नरेश ने अपने हाथ के अंगूठे में चाकू से कट लगाकर खून से किरोणी लाल मीणा का तिलक किया था। हालांकि बाद में नरेश ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली।

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