News Room Post

Amartya Sen: PM मोदी के बाद अगला प्रधानमंत्री कौन? नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने में अभी समय है, लेकिन चुनाव को लेकर चर्चाओ का बाजार अभी से ही गुलजार है। कई मुद्दों को लेकर चर्चागोशी हो रही हैं। मसलन, देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? आगामी दिनों में देश का राजनीतिक परिदृश्य कैसा होगा? सत्ता की बयार किसके पक्ष बहेगी? विपक्षी दलों की भूमिका कैसी होगी? बता दें कि आज इन्हीं सब मुद्दों को लेकर मशहूर नोबेल पुरस्कार से पुरूस्कृत अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अपनी राय सार्वजनिक की। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है। बता दें कि पीटीआई को दिए इंटरव्यू में अमर्त्य सेन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर अहम टिप्पणी की। जिसमें उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी में देश का अगला प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है, लेकिन उनके समक्ष चुनौती यह है कि वो बीजेपी की शासन प्रणाली से नाराज हुए लोगों को अपने पाले में करने में कितना सफल हो पाती हैं। जहां तक मैं समझता हूं कि वो कई बार इस दिशा में विफल साबित हो जाती हैं।

क्षेत्रीय दलों की भूमिका अहम

इस बीच उन्होंने क्षेत्रीय दलों की भूमिका को भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल भी गवारा नहीं होगा कि विपक्षी दलों की कोई भूमिका नहीं है। मुझे लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की भूमिका सारगर्भित होने जा रही है। दक्षिण के डीएमके से लेकर पूर्व में टीएमसी तक आगामी लोकसभा चुनाव में अपना प्रभाव छोड़ सकती है। ऐसे में बीजेपी के लिए क्षेत्रीय दलों को हल्के में लेना उचित नहीं रहेगा। अब उनके द्वारा की गई यह बात कितनी सार्थक साबित हो पाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। इस बीच आगे उन्होंने बीजेपी के संदर्भ में क्या कुछ टिप्पणी की है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

बीजेपी के बारे में कही ये बात

बता दें कि उन्होंने बीजेपी के संदर्भ में भी बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि बीजेपी की जगह कोई दूसरी पार्टी नहीं ले सकती है। मुझे लगता है कि बीजेपी ने खुद को शेष भारत में साबित करके दिखाया है और इससे भी ज्यादा बीजेपी ने खुद को हिंदुओं के प्रति झकाव वाली पार्टी करार देने की कोशिश की है। बीजेपी ने खुद को अपने कार्यकाल के दौरान यह साबित करने की कोशिश को वो हिंदुओं के प्रति हितैषी पार्टी है, जो कि हिंदुओं के हित की दिशा में कोई भी कदम उठा सकती हैं। अपने कार्यकाल के दौरान बीजेपी विचारों की परिधि में खुद को विस्तारित करने की कोशिश की है। आगे उन्होंने कांग्रेस के संदर्भ में भी क्या कुछ टिप्पणी की है। आइए, आपको बताते हैं।

कांग्रेस पर कही बड़ी बात

ध्यान रहे कि पीटीआई को दिए इंटरव्यू में मशहूर अर्थशास्त्री ने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस की हालत दयनीय है, इस बात में तो कोई शक नहीं है, लेकिन वर्तमान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा अभियान को परवान देने में जुटे हुए हैं। “ऐसा लगता है कि कांग्रेस काफी कमजोर हो गयी है और मुझे नहीं पता कि कोई कांग्रेस पर कितना निर्भर रह सकता है। दूसरी ओर कांग्रेस निश्चित तौर पर अखिल भारतीय दृष्टिकोण देती है, जो कोई दूसरी पार्टी नहीं कर सकती, लेकिन कांग्रेस के भीतर विभाजन है। ” उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी वर्तमान में अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल कर रहे हैं। वर्तमान में उनकी यह यात्रा पंजाब में है। बीते दिनों उन्हें पंजाब में हरसिमरत कौर बादल के विरोध का भी सामना करना पड़ा था। बहरहाल, अब कांग्रेस को मजबूत करने के लिहाज से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कितनी कारगर साबित हो पाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version