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Karnataka Assembly Results: कर्नाटक में क्या अभी आगे चल रही कांग्रेस इतिहास दोहराएगी या बीजेपी कुछ घंटों में पलट देगी बाजी?

dk shivkumar and basavraj bommai

बेंगलुरु। कर्नाटक में अगली सरकार किसकी बनेगी, ये दोपहर बाद तय होगा। अभी यहां वोटों की गिनती जारी है। ट्रेंड में कभी कांग्रेस, तो कभी बीजेपी आगे दिख रही है। वहीं, जेडीएस तीसरे नंबर पर है। सरकार किसकी बनेगी, ये साफ होने से ये भी तय होगा कि इस बार कर्नाटक की जनता अपना पुराना इतिहास बदलती है या नहीं। कर्नाटक का इतिहास ये है कि साल 1985 के बाद से कभी सत्तारूढ़ पार्टी ने लगातार दूसरी बार यहां चुनावी मैदान नहीं मारा है। 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में जनता दल ने कर्नाटक में लगातार दोबारा सत्ता हासिल की थी।

इसके बाद के चुनावों पर नजर डालें, तो साल 1989 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 178 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। इसके बाद कर्नाटक में अलग-अलग दौर में अलग-अलग पार्टियों का राज रहा। 1994 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस 34 सीटों पर आ गई और जनता दल ने फिर 115 सीट जीतकर कर्नाटक में सरकार बनाई थी। 1999 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद 132 सीटें जीतकर कांग्रेस सत्ता में आई थी। फिर 2004 में कांग्रेस की दुर्गति हुई और वो 65 सीटों पर सिमट गई। तब बीजेपी 79 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी। कांग्रेस ने ऐसे में जेडीएस के 58 विधायकों के साथ सरकार बनाई।

साल 2008 में बीजेपी ने कर्नाटक की 110 विधानसभा सीटें जीतीं। उसे 6 निर्दलीयों ने समर्थन दिया और सरकार बनी। फिर 2013 में कांग्रेस ने 122 सीटों के साथ कर्नाटक में सरकार बना ली। 2018 के चुनाव में बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस को 80 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं। कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर 14 महीने सरकार चलाई। इसके बाद कांग्रेस के 22 विधायक टूटकर बीजेपी में गए और इसके बाद बीजेपी की सरकार बनी। इस बार देखना ये है कि कर्नाटक का पुराना ट्रेंड बना रहता है या फिर बीजेपी लगातार दोबारा सरकार बनाकर पुराने इतिहास को ध्वस्त करती है।

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