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Jharkhand: झारखंड में पत्नी कल्पना के हाथ सत्ता सौंपने की तैयारी में हेमंत सोरेन, लेकिन ‘ऑपरेशन लोटस’ का भी डर

hemant soren and wife kalpana soren

रांची। महाराष्ट्र और बिहार के बाद अब झारखंड की सियासत में हलचल है। वजह सीएम हेमंत सोरेन के बारे में वो फैसला है, जो चुनाव आयोग लेने वाला है। हेमंत सोरेन को अपनी कुर्सी पर खतरा दिख रहा है। ऐसे में उन्होंने पहले से ही पड़ोसी राज्य बिहार के सीएम रहे लालू यादव की तर्ज पर सियासी गोटियां फिट करनी शुरू कर दी हैं। सोरेन के खिलाफ खदान आवंटन मामले में लाभ हासिल करने की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी। सोरेन का पक्ष जानने के बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि वो हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म कर सकता है। ऐसे में हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को ठीक उसी तरह शासन की जिम्मेदारी देने की तैयारी कर ली है, जिस तरह लालू यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी को सीएम बनाकर की थी।

हालांकि, हेमंत सोरेन के इस कदम की राह में कांटे भी आते दिख रहे हैं। कुर्सी पर खतरा देखकर हेमंत सोरेन ने कल कांग्रेस समेत सहयोगी दलों की बैठक बुलाई थी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM के 7 और कांग्रेस के 5 विधायक पहुंचे ही नहीं। इनमें बंगाल में पुलिस के हत्थे चढ़े कांग्रेस के तीन विधायक भी हैं। कांग्रेस के ये 3 विधायक पिछले दिनों नकदी के बंडल समेत पश्चिम बंगाल के हावड़ा में पकड़े गए थे। वहां कोर्ट ने उन्हें जमानत तो दे दी, लेकिन कोलकाता छोड़कर जाने पर रोक लगा दी। इस वजह से हेमंत सोरेन के सहयोगी दलों को सत्ता गंवाने का डर भी सताने लगा है।

बता दें कि पिछले काफी दिनों से चर्चा का बाजार गर्म है कि झारखंड में सरकार गिरने वाली है। अगर मौजूदा विधानसभा में दलों की स्थिति देखें तो, कुल 81 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 41 है। विधानसभा में सत्तारूढ़ जेएमएम के 30 और कांग्रेस के 16 विधायक हैं। बीजेपी के 26 सदस्य हैं। कुछ और छोटे दलों और निर्दलीय भी हैं। कुल मिलाकर बीजेपी को अगर हेमंत सोरेन की सरकार गिराकर खुद की सरकार बनानी है, तो उसे और 15 और विधायकों का समर्थन चाहिए होगा।

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