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Will PM Modi Meet Xi Jinping In Brics Meeting: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने रूस गए पीएम मोदी, क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी बैठक?

Will PM Modi Meet Xi Jinping In Brics Meeting: पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को रूस के कजान रवाना हुए। यहां कई देशों के नेताओं से उनकी मुलाकात होगी। हालांकि, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत पर अभी दोनों देशों ने चुप्पी बनाई हुई है।

modi and xi jinping

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को रूस के कजान रवाना हुए। यहां उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के अलावा कई और देशों के शासनाध्यक्षों से होनी है। पीएम मोदी इससे पहले इसी साल जुलाई में रूस के दौरे पर गए थे। तब पुतिन से उनकी बातचीत हुई थी। वहीं, कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग शुरू करने के अहम समझौते के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी पीएम मोदी की बातचीत हो सकती है। हालांकि, मोदी और जिनपिंग के बीच बातचीत के मसले पर अभी भारत और चीन ने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा है।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को जब चीन से हुए समझौते की जानकारी मीडिया को दी, तब उनसे पूछा गया था कि क्या रूस में शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी? इस पर विक्रम मिसरी ने कहा था कि कई देशों ने द्विपक्षीय बैठक के लिए अनुरोध किया है और इस बारे में अभी कुछ तय नहीं किया गया है। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने यही सवाल पूछने पर कहा कि अगर जिनपिंग और मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत होना तय हुआ, तो वो मीडिया को बताएगा। ऐसे में दोनों देशों ने अभी मोदी और शी जिनपिंग के बीच बातचीत के मसले पर चुप्पी बनाई हुई है।

चीन से पेट्रोलिंग के मसले पर हुए समझौते के तहत 2020 से पहले की स्थिति बहाल करनी है। इसके तहत डोकलाम और देपसांग में भी भारत और चीन के सैनिक पेट्रोलिंग करेंगे। दोनों ही जगह चीन और भारत ने एक-दूसरे की पेट्रोलिंग रोक रखी थी। वहीं, पेंगोंग सो, पीपी-14, गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भारत और चीन ने बफर जोन बना रखा है। यानी यहां दोनों देशों के सैनिक नहीं जा सकते। माना जा रहा है कि ये बफर जोन भी खत्म होगा और भारत के जवान यहां भी पेट्रोलिंग पर फिर जा सकेंगे। भारत और चीन के बीच 2020 से काफी तनाव है और पूर्वी लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर दोनों की सेना आमने-सामने तैनात है।

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