वायनाड। कांग्रेस महासचिव और गांधी-नेहरू परिवार की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव के लिए आज नामांकन दाखिल करेंगी। प्रियंका गांधी वाड्रा के वायनाड से नामांकन के मौके पर उनके भाई राहुल गांधी, मां सोनिया गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही हैं और इस वजह से वायनाड की लोकसभा सीट जीतना उनके लिए प्रतिष्ठा का बड़ा सवाल है।
वायनाड सीट को राहुल गांधी ने 2019 के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जीता था। राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट पर भी जीत दर्ज की थी। जिसके बाद उन्होंने केरल की सीट छोड़ दी थी। इसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस वायनाड से लोकसभा का उपचुनाव लड़ाएगी और ऐसा ही हुआ। वायनाड सीट से प्रियंका गांधी के खिलाफ वामदलों ने सीपीआई नेता सत्यन मोकेरी और बीजेपी ने नव्या हरिदास को उतारने का फैसला किया है। अब ये भी जान लें कि वायनाड सीट पर राहुल गांधी ने जब जीत हासिल की, तो उनको मिले वोटों का आंकड़ा क्या रहा? साल 2019 में राहुल गांधी वायनाड से कांग्रेस के उम्मीदवार थे, तो वामदलों ने उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा था। तब राहुल गांधी को वायनाड में 706367 वोट मिले थे। जब राहुल गांधी 2024 में वायनाड लोकसभा सीट से लड़े, तो उनको 647445 वोट मिले। जबकि, विपक्ष में उतरीं सीपीआई की एनी राजा 364422 वोट से हारीं। बीजेपी तीसरे नंबर पर रहीं। यानी राहुल गांधी को मिले वोट की संख्या 2019 के मुकाबले घट गई।
इस बार सीपीआई और वामदल ये सवाल उठा रहे हैं कि प्रियंका गांधी बताएं कि वो अगर लोकसभा उपचुनाव जीतती हैं, तो वायनाड में कितने दिन रहेंगी? इसकी वजह ये है कि राहुल गांधी वायनाड से सांसद बने, लेकिन वहां कभी-कभार ही जाते थे। वहीं, प्रियंका गांधी को स्थानीय नेता नव्या हरिदास से भी चुनौती मिल सकती है। जबकि, सीपीआई के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी भी चुनाव लड़ने के खिलाड़ी माने जाते हैं। ऐसे में प्रियंका गांधी के लिए बड़े अंतर से वायनाड सीट जीतना इज्जत का सवाल है। अगर वायनाड के वोटरों पर नजर डालें, तो इनकी कुल संख्या 1359679 है। इनमें मुस्लिम 32 फीसदी, ईसाई 13 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के 9.5 फीसदी और अनुसूचित जाति के 3 फीसदी वोटर हैं।