लखनऊ। यूपी में अपराध का पहले बोलबाला था। जब मर्जी अपराधी वारदात करते और आराम से निकल जाते थे। साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने सीएम की कुर्सी संभाली, तो अपराधियों की नकेल कसने का काम शुरू हुआ। योगी ने सत्ता संभालते ही बदमाशों और माफिया को खुली चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर अपराध किया, तो यूपी में वो बख्शे नहीं जाएंगे। यूपी पुलिस ने योगी की इस चेतावनी के बाद बड़े बदमाशों के ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए थे। मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे डॉन जेल में कैद किए गए। अब यूपी के शहरों को सुरक्षित करने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है।
यूपी के 16 शहरों में हर चौराहे और सड़क को सीसीटीवी के जाल में बांध दिया गया है। यानी बदमाशों ने कोई भी हरकत की, तो वे बच नहीं सकेंगे। जिस भी रास्ते भागेंगे, उस रास्ते पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। इन सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल कर पुलिस अब तक कई केस भी सुलझा चुकी है। सीएम योगी ने खुद जानकारी दी है कि 16 शहरों में उनकी सरकार ने 5000 कैमरे लगवाए हैं। ये सारे कैमरे हर शहर में बने केंद्रीय कंट्रोल रूम से जुड़े हैं। हर कैमरे को हाई डेफिनिशन रखा गया है। ताकि बारीक से बारीक जानकारी भी साफ तरह से मिल सके। कैमरे लगातार चलते रहें और इनके फुटेज भी सर्वर में सेव हों, ये व्यवस्था भी हुई है।
जिन शहरों में सीसीटीवी लगाए गए हैं, उनमें केंद्र सरकार ने भी कुछ में आर्थिक मदद दी है। राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, बरेली, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, अयोध्या, मथुरा और वृंदावन, मेरठ, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, शाहजहांपुर और गोरखपुर में लगे कैमरे पूरी तरह काम कर रहे हैं। निजी कंपनियों से टेंडर मंगाकर इन कैमरों को लगाया गया है। इन कैमरों के फुटेज मॉनीटर करने के लिए पुलिस की तरफ से हर शहर में अलग से स्टाफ की व्यवस्था भी हुई है।