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UP: सीएम योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा एक और मिथक, किया ऐसा कि यूपी के बड़े अफसर देखते रह गए

yogi adityanath

लखनऊ। आमतौर पर नेता मानते हैं कि ब्यूरोक्रेसी में लंबे समय से काम करने वाला अफसर ही सरकार को बेहतर तरीके से चलाने और नीति बनाने में मददगार होता है। इस मिथक को भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तोड़ दिया है। योगी ने हाल ही में अपनी करीबी अफसरों की टीम में तीन युवा अफसरों को शामिल किया है। इन सबको योगी ने अपना विशेष सचिव बनाया है। खास बात ये है कि तीनों ही अफसर 4-5 साल से यूपी सरकार को अपनी सेवा दे रहे हैं। जिन युवा अफसरों को योगी ने अपनी टीम में जगह दी है, उनमें 2016 बैच के आईएएस ईशान प्रताप सिंह हैं। वो योगी के विशेष सचिव बनने से पहले श्रावस्ती के सीडीओ थे।

ईशान की पत्नी रिया केजरीवाल भी यूपी सरकार में आईएएस अफसर हैं। रिया साल 2017 बैच की हैं। ईशान के पिता सुधीर सिंह भी आईपीएस अफसर हैं। योगी ने अपना दूसरा विशेष सचिव शशांक त्रिपाठी को बनाया है। शशांक 2016 बैच के आईएएस हैं। यानी ब्यूरोक्रेसी में उनका एक्सपीरिएंस महज 6 साल का है। इस पद से पहले शशांक त्रिपाठी गोण्डा जिले के सीडीओ यानी मुख्य विकास अधिकारी थे।

इसके अलावा योगी ने पीसीएस अफसर आशुतोष मोहन अग्निहोत्री को भी अपना विशेष सचिव बनाया है। वो भी युवा अफसर हैं और पहले उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव थे।

योगी आदित्यनाथ मिथकों को तोड़ने के लिए पहचान बना चुके हैं। अपने पहले कार्यकाल में साल 2017 से 2022 के मार्च महीने तक वो करीब दो दर्जन बार नोएडा के दौरे पर भी गए थे। जबकि, यूपी में इससे पहले ये कहा जाता था कि जो भी सीएम नोएडा जाता है, वो दोबारा सत्ता में नहीं लौटता। योगी ने नोएडा जाने के बाद यूपी विधानसभा का चुनाव दोबारा बीजेपी को जिताकर उस मिथक को भी पानी में बहा दिया। इसके अलावा वो कई और अभिनव कदम उठाने के लिए भी चर्चा में रहे हैं।

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