News Room Post

योगी सरकार ने बदली मंडी समितियों की सूरत, खुद मंडियों में अनाज बेचकर किसान बढ़ा रहे आमदनी

CM Yogi Adityanath

लखनऊ। पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार और घाटे की पहचान बन चुकी मंडी समितियों की सूरत योगी सरकार (Yogi Govt) ने बदल दी है। कुछ साल पहले तक किसानों के लिए परेशानी और सरकार के लिए बोझ बनी मंडी समितियां अब न सिर्फ मुनाफा कमा रही हैं बल्कि किसानों को आत्‍मनिर्भर बनाने के अभियान की अहम कड़ी साबित हो रही हैं। मं‍डी परिषद की बढ़ती आय और किसानों के हित में शुरू हुई नई योजनाएं इस बदलाव की गवाह हैं। मंडी परिषद के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2017 को समाप्‍त हुए वित्‍तीय वर्ष में मंडी परिषद की कुल आय 1210 करोड़ थी। जबकि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में आय का आंकड़ा बढ़कर 1822 हो गया। सत्ता संभालने के दो साल बाद मंडी परिषद की आय 612 करोड़ रुपये बढ़ा दी। वित्‍त वर्ष 2019-20 मंडी समितियों की कुल आय का आंकड़ा बढ़कर 1997 करोड़ तक पहुंच गया। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी की मार के बावजूद दिसंबर 2020 तक मंडी समितियों की आय 802 करोड़ रुपये रही।

कर चोरी और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पालिसी के तहत योगी सरकार ने मंडी परिषद के कामकाज को एक नई संस्‍कृति दे दी है। मंडी समितियों के कामकाज को पूरी तरह पारदर्शी बनाकर राज्‍य सरकार ने इसे किसानों के सबसे बड़े सहयोगी के तौर पर पेश कर दिया। वर्षों से मंडी को अपने कब्‍जे में रखने वाले बिचौलिये और आढ़तियों को बाहर कर योगी सरकार ने किसानों को सीधे मंडी से जोड़ दिया है। अब किसान सीधे अपनी फसल मंडियों में बेच कर ज्‍यादा मुनाफा ले रहे हैं।

कोरोना काल के दौरान किसानों को बड़ी राहत देते हुए 45 कृषि उत्‍पादों को गैर अधिसूचित कर मंडी शुल्‍क से मुक्‍त किया गया। मंडी शुल्‍क को घटाकर 2 फीसदी से किसानों के हित में 1 फीसदी किया गया। मंडी परिसरों के बाहर के व्‍यापार को पूरी तरह लाइसेंस व मंडी शुल्‍क से मुक्‍त कर दिया गया है। ताकि किसान अपना उत्‍पाद कहीं भी और किसी भी व्‍यापारी को अपनी कीमत पर तत्‍काल बेच सकें।

योगी सरकार ने प्रदेश की 27 प्रमुख मंडियों को राइपनिंग चैम्‍बर, कोल्‍ड चैम्‍बर और आधुनिक सुविधा के लिहाज से विकसित करते हुए आधुनिक किसान मंडी के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश की 125 मंडी समितियों को भारत सरकार की ई नाम योजना से जोड़ा गया है। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में 459 करोड़ रुपये का डिजिटल व्‍यापार हुआ है ।

Exit mobile version