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यूपी में अगर नौकरी के पहले 5 साल में आपका प्रदर्शन नहीं रहा बेहतर तो आगे नहीं मिलेगा सेवा विस्तार, सरकार कर रही इसके लिए योजना तैयार

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी सरकार (Yogi Government) बड़े बदलाव की तैयारी पर विचार कर रही है। यूपी में सरकारी नौकरी की शुरुआत पांच वर्ष की संविदा यानी कॉन्ट्रैक्ट से होगी। अगर यूपी सरकार भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला करती है तो सरकारी नौकरी की शुरुआत में पहले कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति की जाएगी। पांच साल के प्रोबेशन के बाद ही सरकारी नौकरी पक्की होगी। बता दें यूपी सरकार ने अपनी सभी विभागों से एक प्रस्ताव पर चर्चा करने को कहा है।

जानकारी के मुताबिक, योगी आदित्यानाथ सरकार B और C ग्रुप की सभी परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। जिसमें शुरुआत के 5 साल संविदा (Contract) के आधार पर नियुक्त करने की योजना है। इसके तहत 5 साल में अगर कार्य प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा तो छंटनी की तलवार लटकी रहेगी।

वहीं, जो लोग 5 साल की संविदा की नियुक्ति पूरी कर लेंगे और संतोषजनक कार्य रहेगा तो उनकी नौकरी पक्की हो जाएगी। वर्तमान में अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया के बाद संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार 1-2 साल के प्रोबेशन पर नियुक्ति होती है। अगर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का फैसला होता है तो जो कर्मचारी 5 साल की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें पक्की नियुक्ति दी जाएगी।

बता दें सरकार का कहना है कि वह ऐसा इसलिए करना चाहती है ताकि इससे कर्मचार्रियों की दक्षता को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही नैतिकता देशभक्ति और कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास होगा। वहीं इससे इतर सरकार पर वेतन का खर्च भी कम होगा क्योंकि शुरु में संविदा पर इन कर्मचारियों को परमानेंट लोगों के बराबर पैसा नहीं मिलेगा।

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