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Azamgarh: आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव से इस तरह परिवारवाद को बढ़ाएंगे अखिलेश यादव, अपने इस भाई को दे सकते हैं टिकट

akhilesh yadav

लखनऊ। सपा पर परिवारवाद का लगातार आरोप लगता है। इसी परिवारवाद को अब अखिलेश यादव आगे बढ़ाने का काम कर सकते हैं। यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर आजकल सबकी नजर है। इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 2019 का चुनाव जीते थे। इस साल की शुरुआत में यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने मैनपुरी की करहल सीट से जीतने के बाद आजमगढ़ की सांसदी छोड़ दी थी। इस आजमगढ़ सीट पर अब उपचुनाव होने जा रहा है और सब ये जानना चाहते हैं कि यहां से अखिलेश किसे सपा का उम्मीदवार बनाएंगे। दो नाम कल से चर्चा में हैं। एक नाम अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव का है और एक नाम परिवार के धर्मेंद्र यादव का भी है। डिंपल और धर्मेंद्र पहले सपा सांसद रह चुके हैं। इस बीच, रविवार देर रात अखिलेश के परिवार के एक और सदस्य का नाम आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा उम्मीदवार के तौर पर उछला है।

अखिलेश के परिवार के जिस शख्स का नाम ताजा उछला है, वो हैं अभिषेक यादव उर्फ अंशुल। अंशुल अभी इटावा जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं। वो अखिलेश के चचेरे भाई हैं। अंशुल के पिता का नाम राजपाल सिंह यादव है। वो मुलायम सिंह के भाई हैं। अंशुल की मां प्रेमलता यादव हैं। वो भी दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। अंशुल पार्टी का युवा चेहरा हैं और साल 2012 से सियासत में कदम रखा है। साल 2012 में सपा की सरकार बनी थी, तो उसमें अंशुल की काफी अहम भूमिका थी। वो इटावा और आसपास के इलाकों में तब सपा का प्रचार करने में दिन और रात जुटे रहते थे। सपा के सूत्रों के मुताबिक अभी किसी का नाम तय नहीं है, लेकिन अखिलेश इस बारे में आज ही फैसला करेंगे। आज ही आजमगढ़ से परचा दाखिल करने की आखिरी तारीख भी है।

उधर, आजमगढ़ का उप चुनाव काफी रोचक होने की उम्मीद है। बीजेपी ने यहां से एक बार फिर भोजपुरी सिंगर निरहुआ को टिकट दिया है। वो आज अपना परचा दाखिल करेंगे। निरहुआ पिछले चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवार थे, लेकिन अखिलेश से मुकाबला नहीं कर सके थे। दूसरी तरफ बाहुबली रमाकांत यादव ने भी निर्दलीय के तौर पर यहां से नामांकन पत्र खरीदा है। अगर रमाकांत यहां से मैदान में उतरते हैं, तो सपा के लिए जीत आसान नहीं रह जाएगी।

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