नई दिल्ली। दुनिया भर में एआई तकनीक को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा जारी है। अमेरिका, चीन, यूरोप समेत कई देश इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की होड़ में लगे हैं। इसी बीच चीन ने अपने उन्नत एआई मॉडल डीपसीक को पेश कर दुनिया को चौंका दिया है। इस कदम से अमेरिकी टेक इंडस्ट्री में उथल-पुथल मच गई है, जिसका सीधा असर NVIDIA जैसी कंपनियों पर पड़ा है।
चीन के डीपसीक एआई मॉडल ने अमेरिका को चौंकाया
चीन की प्रमुख टेक कंपनी Qihoo 360 ने डीपसीक एआई मॉडल को विकसित किया है, जिसे मौजूदा अमेरिकी एआई मॉडलों की तुलना में सस्ता और अधिक प्रभावी बताया जा रहा है। Qihoo 360 के सीईओ झोउ होंगी ने इसे “दुनिया बदलने वाला” करार दिया, जबकि प्रसिद्ध गेम डेवलपर फेंगजी ने कहा कि “डीपसीक चीन की किस्मत बदल सकता है।”
डीपसीक की सफलता का असर अमेरिकी टेक इंडस्ट्री पर साफ दिखने लगा है। यह ओपनएआई और मेटा प्लेटफॉर्म्स के एआई मॉडल्स के मुकाबले कम लागत में तैयार हुआ है, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा और कठिन हो सकती है।
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— IndiaToday (@IndiaToday) January 28, 2025
NVIDIA को 590 अरब डॉलर का झटका
एआई चिप बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल एनवीडिया (NVIDIA) को डीपसीक की वजह से बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी शेयर बाजार में NVIDIA के शेयरों में 17% की भारी गिरावट आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट के चलते कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 590 अरब डॉलर की कमी आ गई है।
विश्लेषकों का कहना है कि डीपसीक एआई के आने से NVIDIA की चिप्स की मांग पर असर पड़ सकता है, क्योंकि यह सस्ता और कुशल समाधान प्रदान कर रहा है।
NVIDIA today lost 500 billion dollars:
In Indian rupees, it is:
43,200,000,000 000
Or 43 trillion rupeesThat is every Indian (1.4 billion) receives 30,857 rupees😂🤔😎
If that does not make sense, it does not. It is just the times we live in😂🤔 pic.twitter.com/RAPWSK67HX
— Dr. P@Indiamusings, PhD (@indiamusings) January 28, 2025
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के इस कदम को लेकर चिंता जताई है। मियामी में रिपब्लिकन कांग्रेस की बैठक के दौरान उन्होंने कहा, “कम लागत वाला चीनी एआई मॉडल डीपसीक अमेरिकी कंपनियों के लिए एक चेतावनी है। इससे हमारी टेक इंडस्ट्री को सतर्क रहना चाहिए और हमें प्रतिस्पर्धा में जीतने के लिए पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना होगा।”
स्टारगेट प्रोजेक्ट से अमेरिका देगा जवाब?
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने स्टारगेट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी, जिसका बजट 500 अरब डॉलर रखा गया है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एआई क्षेत्र में चीन को टक्कर देना था, लेकिन डीपसीक के आने के बाद अमेरिका पर दबाव और बढ़ गया है।