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रूस के बाद अब चीन भी कर सकता है कोरोना वैक्सीन बना लेने का ऐलान

दुनिया में जारी कोरोना के कहर के बीच रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना लेने का ऐलान कर दिया है। रूस के बाद ऐसी ही एक और अच्छी खबर अब चीन से भी आ सकती है।

बीजिंग। दुनिया में जारी कोरोना के कहर के बीच रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना लेने का ऐलान कर दिया है। साथ ही सितंबर से ही इसका मास प्रोडक्शन भी शुरू होने जा रहा है। रूस के बाद ऐसी ही एक और अच्छी खबर अब चीन से भी आ सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड ने मंगलवार को कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के अंतिम चरण की शुरुआत कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन भी जल्द ही वैक्सीन बना लेने की घोषणा कर सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भी सिनोवैक वैक्सीन टेस्टिंग में सबसे आगे चल रही प्रमुख 7 वैक्सीनों में से एक है। सिनोवैक की इस वैक्सीन का ट्रायल इंडोनेशिया में 1620 मरीजों पर किया जा रहा है। यह वैक्सीन इंडोनेशिया की सरकारी कंपनी बायो फार्मा के साथ मिलकर बनाई जा रही है। इसके पहले मंगलवार को सिनोवैक ने जानकारी देते हुए कहा कि ट्रायल के दूसरे चरण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है और मरीजों में एंटीबॉडी आधारित इम्यून रिस्पॉन्स मिले हैं।

कोरोनावैक नाम की यह वैक्सीन उन चंद असरदार वैक्सीन में से एक है जो परीक्षण के इस चरण तक पहुंची हैं। इनका अध्ययन करके इनके असर को लेकर सबूत जुटाए जा रहे हैं। कोरोनावैक का अंतिम स्तर का परीक्षण पहले से ही ब्राज़ील में चल रहा है और सिनोवैक को उम्मीद है कि इसका परीक्षण बांग्लादेश में भी किया जाएगा।

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