नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ प्रतिस्पर्धा जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के सामान पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया तो अब इसके जवाब में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। चीन द्वारा अमेरिका पर अतिरिक्त टैरिफ 12 अप्रैल से लागू हो जाएगा। साथ ही चीन ने अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ को अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का खुला उल्लंघन करार दिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्पष्ट कहा कि हम किसी के दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने टैरिफ वॉर पर यूरोपीय संघ से चीन को सहयोग देने की अपील की है।
शी जिनपिंग ने चीन और यूरोप को मिलकर अमेरिका की एकतरफा दादागीरी का जवाब देना चाहिए और अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। चीन ने इससे पहले अमेरिका पर 84 प्रतिशत टैरिफ लगाया था और अमेरिकी की कंपनियों के आयात पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद ड्रैगन की ओर से यह पलटवार किया गया था। हालांकि चीन ने इस विवाद के हल के लिए अमेरिका के साथ बातचीत को लेकर भी संभावना खुली रखी थी।
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, भारत समेत बहुत से देशों पर रेसिप्रोकल ट्रैरिफ लगाया है। चीन ने भी अमेरिका को जवाब देते हुए उस पर टैरिफ बढ़ा दिया। जिसके बाद चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर विवाद शुरू हो गया जो अब बढ़ता जा रहा है। हालांकि ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले चीन पर निशाना साधते हुए कहा था कि अमेरिका द्वारा दी गई छूट का फायदा उठाने वाले देशों में चीन सबसे आगे है।