नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रसार के बाद से चीन को लेकर पूरी दुनिया का नजरिया बदला है। ऊपर से चीन जिस तरह से दुनिया के देशों के साथ सीमा विवाद को लेकर अपना रवैया अख्तियार करता रहा है उससे भी दुनिया के लगभग सभी देश उससे खफा हैं। चीन से अमेरिका की नाराजगी जगजाहिर हो चुकी है और इधर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी चीन से खासे नाराज नजर आ रहे हैं। चीन साउथ चाइना सी पर अपना दबदबा दिखाया आया है अब दुनिया के कई देशों को यह रास नहीं आ रहा है।
ऐसे में अमेरिका और चीन की तल्खियों के बीच अब ब्रिटेन ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ब्रिटेन ने देश के मोबाइल प्रोवाइडरों पर 31 दिसंबर के बाद से चीनी कंपनी हुवावे से कोई उपकरण ख़रीदने पर पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही 2027 तक ब्रिटिश मोबाइल प्रोवाइडर्स को अपने नेटवर्क से हुवावे के सभी 5जी किट हटाना ही होगा। इसके आलावा चीन को सबक सिखाने के लिए ब्रिटेन अब साउथ चाइना सी में रॉयल नेवी का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ तैनात करने वाला है।
विदेशी मीडिया में चल रही खबर की मानें तो एचएमएस क्वीन को पूरे फ्लीट के साथ चीन की समुद्री सीमा पर अमेरिका और जापान के समुद्री बेड़े के साथ तैनात किया जाएगा। यह एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सी में जारी तनाव के बीच अमेरिका और जापान की सेना के साथ इस इलाके में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास भी करेगा।
चीन के हांगकांग को लेकर आक्रामक रवैये को देखते हुए ब्रिटेन ने भी अब आक्रामक रुख अपना लिया है। ब्रिटेन जो एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सी में तैनात करने वाला है उसके बेड़े में एफ-35बी लाइटनिंग फाइटर जेट के दो स्क्वाड्रन, स्टेल्थ लड़ाकू विमान, दो टाइप 45 श्रेणी के डिस्ट्रॉयर, दो टाइप 23 फिग्रेट, दो टैंकर और हेलिकॉप्टर्स का बेड़ा शामिल हैं। ब्रिटेन की योजना है कि चीन को ताकत दिखाने के लिए इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को भी आमंत्रित किया जा सकता है।