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सीमा पर मुंह की खाने के बाद अब चीन ने अलापा बातचीत का राग

जहां कभी चीन(China) घुसपैठ करके सीनाजोरी करता था वहीं अब मोदी सरकार(Modi Government) में उसकी बोलती बंद है और वो खुद ही भारत पर कब्जा करने का आरोप लगा रहा है।

Wang Yi

नई दिल्ली। भारतीय वीर जवानों के आगे चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बेबस सा नजर आ रहा है। चालबाजियों तो वो चीन खूब कर रहा है लेकिन उसकी एक भी चाल काम नहीं आ रही है। जहां कभी चीन(China) घुसपैठ करके सीनाजोरी करता था वहीं अब मोदी सरकार(Modi Government) में उसकी बोलती बंद है और वो खुद ही भारत पर कब्जा करने का आरोप लगा रहा है।

29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों की तरफ घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया, तो दूसरी ओर विश्वपटल पर चीन शांति का राग अलाप रहा है। चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान कहा कि चीन, भारतीय सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

बता दें कि सीमा पर मुंह की खाने के बाद अब चीन बातचीत का राग अलाप रहा है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स से चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा का अभी तक सीमांकन नहीं किया गया है, इसलिए समस्याएं हैं। चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को मजबूती से बनाए रखेगा, और भारतीय पक्ष के साथ बातचीत के माध्यम से सभी प्रकार के मुद्दों का हल निकालने के लिए तैयार है।

29 और 30 अगस्त की रात लद्दाख में करीब दो सौ चीनी हमारी सैनिक हमारी सरजमीं पर घुसपैठ का पक्का इरादा करके बढ़े चले आ रहे थे, लेकिन हमारे जांबाजों ने उन्हें खदेड़ दिया। लद्दाख में दोनों देशों के बीच ताजा झडप पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक चोटी को लेकर हुई। वो चोटी एलएसी के इस तरफ यानी भारतीय सीमा में है।

इस चोटी पर किसी देश का कब्जा नहीं हुआ करता था। दोनों देशों के बीच हुई कमांडर स्तर की बातचीत में उस खास चोटी का मुद्दा भी उठा था, लेकिन बात नहीं बनी। भारत को इस बात की भनक थी कि चीन उस चोटी पर कब्जा करने की फिराक में है। जानकारी के मुताबिक चीन के इरादों को भांपकर भारतीय फौज ने तैयारी शुरु कर दी।

उत्तराखंड में तैनात विकास रेजिमेंट के बटालियन को लद्दाख भेजा गया। इस बटालियन की तैनाती पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर की गई। हमारी सेना ने टैंक और इनफैन्टरी गाड़ियों को भी पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर ठाकुंग के करीब तैनात कर दिया। इस पूरे ऑपरेशन में तिब्बती भी शामिल थे, जो विकास रेजिमेंट के तहत भारतीय जवानों के साथ काम करते हैं।

तैयारी होने के बाद मौका मिलते ही विकास रेजिमेंट की बटालियान ने पैंगोग झील के किनारे की चोटी पर कब्जा कर लिया। चीन को जैसे ही खबर भारत के कदम की खबर मिली उसकी फौज बेचैन हो गई। चीन के बौखलाए सैनिक भारत में घुसपैठ के लिए आगे बढ़े, लेकिन चोटी पर कब्जे की वजह से हमारे जवान मजबूत स्थिति में थे।

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