नई दिल्ली। चीन और अमेरिका में जारी टैरिफ विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश की एयरलाइन कंपनियों को आदेश जारी किया है कि वो अमेरिका से बोइंग जेट की डिलीवरी नहीं लें। साथ ही उन्होंने अमेरिका से विमानों के पार्ट्स खरीदने पर भी रोक लगा दी है। जिनपिंग का यह आदेश अमेरिका के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है क्योंकि चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एविएशन बाजार है और अमेरिकी कंपनी बोइंग ने साल 2018 में 25 फीसदी से ज्यादा विमान चीन को सप्लाई किए थे।
एविएशन फ़्लाइट्स ग्रुप के अनुसार, चीनी एयरलाइन बेड़े में शामिल होने के लिए लगभग 10 बोइंग 737 मैक्स विमान तैयार हैं। इनमें चाइना सदर्न एयरलाइंस कंपनी, एयर चाइना लिमिटेड और जियामेन एयरलाइंस कंपनी के दो-दो विमान शामिल हैं। कुछ विमान अमेरिका के सिएटल में बोइंग के फैक्ट्री बेस के पास खड़े हैं। वहीं, अन्य पूर्वी चीन के झोउशान में फिनिशिंग सेंटर में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जिन विमानों का भुगतान और कागजी प्रक्रिया पहले पूरी हो चुकी है उन्हें मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले सामानों पर 145 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।
इसके बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी अमेरिका पर पलटवार करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 125 फीसदी का टैरिफ लगा दिया। इतना ही नहीं चीन ने अमेरिका की कई कंपनियों के उत्पादों को अपने देश में बैन भी कर दिया। जिसके चलते दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर छिड़ा वॉर गहराता जा रहा है। जिनपिंग ने स्पष्ट कहा था कि वो अमेरिका के आगे किसी हाल में झुकने वाले नहीं हैं। इसी के साथ जिनपिंग ने यूरोपीय संघ को पत्र लिखा था और अमेरिकी की ‘दादागिरी’ रोकने के लिए चीन का साथ देने की अपील की थी।