वाशिंगटन। अमेरिका ने चीन पर एक बड़ा आरोप लगाया है। चीन पर आरोप है कि वो चीनी वाणिज्य दूतावासों में जासूसों और भगोड़ों को शरण दे रहा है। अमेरिकी की जांच एजेंसी एफबीआई का मानना है कि सेन फ्रांसिस्को में चीन के वाणिज्य दूतावास ने एक सोंग चेन नाम की एक चीनी वैज्ञानिक को पनाह दी है, जिस पर पर सैन्य पृष्ठभूमि के बारे में तथ्य छिपाने को लेकर कैलिफोर्निया की एक अदालत में आरोप लगाया गया है।
अभियोजनकर्ताओं का आरोप है कि चीन सुनियोजित कार्यक्रम के तहत सेना से जुड़े अंडरकवर वैज्ञानिकों को अमेरिका भेज रहा है। अमेरिका का कहना है कि वीजा फर्जीवाड़े मामले में संदिग्ध और सेना से अपने संबंध छिपाने वाली एक चीनी वैज्ञानिक भाग कर सेन फ्रांसिस्को स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास में आ गई हैं।
बुधवार को ट्रंप प्रशासन ने ह्यूस्टन में मौजूद चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था। अमरीकी प्रशासन ने इस पर बौद्धिक संपदा चुराने का आरोप लगाया था। चीन ने अपने वैज्ञानिकों और वाणिज्य दूतावास के खिलाफ अमेरिका के इस कदम की आलोचना की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने ट्रंप प्रशासन पर चीनी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं पर हमले और उनके उत्पीड़न के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाया है। ह्यूस्टन स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास बंद कराने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने दो अन्य चीनी मिशन बंद कराने की धमकी भी दी है।
Justice Department charges visiting Stanford researcher for lying about ties to #Chinese military
Song Chen lied on visa forms about her affiliation with the #PLA
She evaded arrest by staying at China’s consulate in San Francisco. Her pic in PLA uniformhttps://t.co/mqJ7J4o1PT pic.twitter.com/3Pl0d9o9rI
— Indo-Pacific News (@IndoPac_Info) July 23, 2020
चीनी दूतावास पर आरोप-
FBI ने सेन फ्रांसिस्को की एक केंद्रीय अदालत में कहा है कि अभियुक्त जुआन तांग कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान की शोधकर्ता थीं। अदालत में पेश किए गए कागजात के अनुसार उन्होंने एफबीआई एजेंट्स के साथ पिछले महीने हुए एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने चीनी सेना के साथ काम नहीं किया है। हालांकि एक जांच में जुआन तांग की कुछ ऐसी तस्वीरें मिलीं जिनमें वो चीनी सेना की यूनिफार्म में नजर आ रही हैं। अभियोजन पक्ष का कहना है कि उनके घर की तलाशी लेने पर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से उनके सम्बन्धों के अन्य सबूत भी मिले हैं।
न्याय विभाग के आरोपों के मुताबिक, तांग जुआन ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, दाविस में काम करने के लिए पिछले साल वीजा आवेदन में सैन्य जुड़ाव के तथ्यों को छिपाया था। जांच अधिकारियों को तांग की कुछ तस्वीरें मिलीं जिसमें वह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सिविलयन कैडर की वर्दी पहने हुए थी। चीन की कुछ खबरों में सेना से उसके जुड़ाव की भी पुष्टि हुई। पिछले महीने दर्ज करायी गयी शिकायत के मुताबिक, एफबीआई ने पिछले महीने तांग से पूछताछ की तो उसने इनकार किया कि वह सेना में रह चुकी है। उसने वर्दी वाली तस्वीरों से भी अनभिज्ञता प्रकट की। बाद में जब उसके घर की तलाशी ली गयी तो सेना से जुड़ाव के कुछ और प्रमाण मिले। शिकायत में उसके खिलाफ वीजा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
VIDEO: ?? China continues to hit back at the US government’s order to close its #Houston consulate, labelling Washington’s allegations of wrongdoing as “malicious slander”. Beijing has vowed to retaliate but has yet to detail what action it will take. pic.twitter.com/A2OH1U6XXe
— AFP news agency (@AFP) July 23, 2020
चीन के और वाणिज्य दूतावासों को बंद किया जा सकता है: ट्रंप
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में चीन के और राजनयिक मिशनों को बंद करने की संभावना से इनकार नहीं किया। उनका यह बयान तब आया है जब कुछ घंटे पहले वाशिंगटन ने ‘अमेरिका की बौद्धिक संपदा और निजी सूचना की रक्षा’ करने के लिए ह्यूस्टन में बीजिंग के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार चीन की आक्रामक गतिविधियों को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। बीजिंग की आक्रामक गतिविधियों के कारण वाशिंगटन को कड़े कदम उठाने पड़े जिनमें ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास को बंद करना शामिल हैं। अमेरिका में चीन के पांच वाणिज्य दूतावासों में से दो को बंद करने से तनाव बढ़ गया है।