नई दिल्ली। कोरोना संकट से वैसे तो पूरी दुनिया जूझ रही है लेकिन अमेरिका में इसके सबसे अधिक संक्रमित पाए जा रहे हैं। इन सबके बीच भारत द्वारा अमेरिका भेजी गई दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर एक खबर सामने आई है। दरअसल हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के क्लीनिकल ट्रायल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी लेकिन शुरूआत में ही इसको बढ़ावा देने के लिए अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेना शुरू कर दिया था।
अब दवा लेने के दो सप्ताह बाद व्हाइट हाउस ने ट्रंप के द्वारा लिए गए इस दवा के असर को लेकर एक बयान जारी किया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी का कहना है कि इस दवा की दो सप्ताह की खुराक लेने के बाद प्रेसिडेंट ट्रंप ‘बहुत अच्छा’ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ट्रंप का कहना है कि अगर उन्हें लगता है कि वो घातक वायरस के संपर्क में आए हैं तो वो फिर से मलेरिया-रोधी दवा लेंगे।
गौरतलब है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, जिसे ट्रंप ने COVID-19 के इलाज में ‘गेम-चेंजर’ दवा बताया था, उसे अभी भी अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मंजूरी नहीं दी है। वहीं गुरुवार को जब व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनीनी से जब ये पूछा गया कि ट्रंप एंटी-मलेरियल दवा लेने के बाद कैसा महसूस कर रहे हैं?
इस पर उन्होंने कहा- ‘यहां आने से ठीक पहले मैं उनके पास गई थी और मैंने उनसे यही सवाल पूछा था। और उन्होंने कहा कि वो बिल्कुल ठीक हैं और इस दवा को लेने के बाद बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। और अगर उन्हें लगता है कि वो घातक वायरस के संपर्क में आए हैं तो वो फिर से मलेरिया-रोधी दवा लेंगे।’
बता दें कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों में मौत की संभावना बढ़ने के दावे के चलते एहतियात के तौर पर WHO ने इसपर अस्थायी रोक लगाई थी।