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Four Indian Companies Banned By Trump Govt: ईरान से रिश्ते रखने के आरोप में डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया, इनमें 4 भारत की भी

Four Indian Companies Banned By Trump Govt: अमेरिका के विदेश विभाग ने ईरान की पेट्रोलियम इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध के बारे में बयान जारी किया है। अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा है कि ईरान से सभी कंपनियों के व्यापारिक संबंध हैं। ट्रंप प्रशासन की तरफ से कहा गया कि अमेरिका इस शिपिंग नेटवर्क को अवैध मानता है और एशिया में ईरान की तरफ से कच्चा तेल बेचने के काम को बाधित करेगा।

वॉशिंगटन। अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईरान की पेट्रोलियम इंडस्ट्री से जुड़ी 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें भारत की भी चार कंपनियां हैं। ईरान को कमजोर करने की अमेरिका की रणनीति के तहत इन सभी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। भारत की जिन कंपनियों पर ईरान से रिश्ते रखने का आरोप लगाकर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है, वे फ्लक्स मेरीटाइम एलएलपी, ऑस्टिन शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, कॉसमॉस लाइंस आईएनसी और बीएसएम मरीन एलएलपी हैं। अमेरिका की तरफ से चार भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि भारत के उससे अच्छे रिश्ते हैं।

भारत के ईरान से भी अच्छे संबंध हैं। ऐसे में भारतीय कंपनियों पर अमेरिका के प्रतिबंध पर दोनों देशों के बीच बातचीत की उम्मीद जताई जा रही है। अमेरिका के विदेश विभाग ने ईरान की पेट्रोलियम इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध के बारे में बयान जारी किया है। अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा है कि ईरान से सभी कंपनियों के व्यापारिक संबंध हैं। ट्रंप प्रशासन की तरफ से कहा गया कि अमेरिका इस शिपिंग नेटवर्क को अवैध मानता है और एशिया में ईरान की तरफ से कच्चा तेल बेचने के काम को बाधित करेगा। ट्रंप प्रशासन के विदेश विभाग के मुताबिक कंपनियों का ये नेटवर्क सैकड़ों मिलियन डॉलर के कच्चे तेल को अवैध शिपिंग के जरिए बेचने की कोशिश में था। डोनाल्ड ट्रंप पहले ही एलान कर चुके हैं कि अमेरिका के पुराने दुश्मन ईरान पर उनकी सरकार दबाव बनाकर रखेगी।

अमेरिका लगातार आरोप लगाता है कि ईरान आतंकवाद को बढ़ावा देता है। जब जॉर्ज डब्ल्यू बुश जूनियर अमेरिका के राष्ट्रपति थे, उस वक्त उन्होंने ईरान को शैतानी प्रवृत्ति वाला देश भी कहा था। ईरान और अमेरिका के रिश्ते उस वक्त से बिगड़े जब अयातुल्लाह खुमैनी ने ईरान में इस्लामी शासन की स्थापना की। तब तेहरान में अमेरिकी दूतावास में राजनयिकों को बंधक बनाने की घटना भी हुई थी। इजरायल के खिलाफ ईरान युद्ध भी लड़ चुका है और वो हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों को समर्थन देता है। इस वजह से भी अमेरिका और ईरान के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।

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