इस्लामाबाद। पाकिस्तान के भ्रष्ट नेता और सेना के अफसर लगातार अपनी तिजोरी तो भरते रहते हैं, लेकिन आम आदमी की परवाह नहीं करते। नतीजे में पाकिस्तान में इस बार आम आदमी को रमजान के दौरान रोजा रखने और इफ्तार करने के लिए भी जेब टटोलनी पड़ रही है। रोजा इफ्तार के दौरान आम तौर पर फल खाए जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान में फल की कीमत आसमान को भी पार करती दिख रही है। पाकिस्तान में बेहिसाब कीमत में फल बाजार में बिक रहे हैं। हालत ये है कि अंगूर 1600 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचा है। वहीं, गरीबों का फल माना जाने वाला केला भी महंगाई को मात दे रहा है। एक दर्जन केले की कीमत 500 रुपए हो गई है।
पाकिस्तान में पहले से ही आटा और अन्य जरूरी चीजों की कीमतों में खासी बढ़ोतरी हुई है। आम लोग एक-एक बोरी आटे के लिए जद्दोजहद करते नजर आते हैं। सरकार कई जगह सस्ता आटा बिकवा रही है, लेकिन वहां आटा लेने वालों को दूसरे लोग लूट रहे हैं। आटा खरीदने के चक्कर में लंबी लाइनें लग रही हैं। मारपीट भी हो रही है। पाकिस्तान में आटा खरीदने के इसी जद्दोजहद और मारपीट में अब तक 4 लोगों की जान भी चली गई है, लेकिन वहां की शहबाज शरीफ सरकार को आम लोगों का ये दर्द नहीं दिख रहा है।
पाकिस्तान की बदहाली से उलट वहां के तमाम नेता विदेश में महंगी गाड़ियों में घूमते नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों पूर्व पीएम नवाज शरीफ और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश में महंगी गाड़ी की सवारी करते दिखे थे। नवाज शरीफ के भाई ही पाकिस्तान के मौजूदा पीएम हैं। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा बहुत कम बची है। चीन, सऊदी अरब और यूएई से डॉलर में कर्ज मिला नहीं है। आईएमएफ से भी कर्ज मिलता फिलहाल नहीं दिख रहा है। ऐसे में पाकिस्तान में अब आर्थिक अस्थिरता के दिन आते दिखाई दे रहे हैं।